वेदों में गोमांस खाने और गोकशी की अनुमति हैः RSS मुखपत्र
-न ई दिल्ली। गोमांस खाने को लेकर विवाद के बीच, आरएसएस के मुखपत्र "आर्गनाइजर" में छपे एक लेख में लिखा गया है कि, "वैदिक काल में गोमांस खाने को लेकर विवाद की जड़ ब्रिटिश राज की गंदी राजनीति है। लेख में कहा गया कि ब्रितानियों ने लेखकों को इतिहास फिर से लिखने के लिए रखा और इसके बदले बड़ी राशि का भुगतान किया।" इस लेख में आरोप लगाया गया है कि ब्रितानियों ने इतिहास से छेड़छाड़ के लिए लेखकों को रखने की गंदी राजनीति की। मुखपत्र में दावा किया गया है कि वेदों में गोमांस खाने तथा गोकशी की अनुमति है।
आरएसएस के मुखपत्र "आर्गनाइजर" में छपे संपादकीय में कहा गया कि, "बंगाल में धर्मनिरपेक्ष उत्तेजना का एक और दौर चल रहा है जहां ममता बनर्जी नीत राज्य सरकार ने मुहर्रम के कारण राज्यभर में 23 और 24 अक्टूबर को दुर्गा मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया। क्या यह किसी धार्मिक समुदाय की आपत्ति पर किया गया?"
उधर, मुहर्रम पर दुर्गा की मूर्ति विर्सजन पर ममता बनर्जी सरकार के प्रतिबंध का हवाला देते हुए आरएसएस ने गोमांस खाने और गोकशी विवादों को लेकर असहिष्णुता बढ़ने की बातों पर करारा पलटवार किया और कहा कि हिन्दू धर्म का आधार केवल सहिष्णुता नहीं बल्कि सभी धर्मों को स्वीकारना है।
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