उन्होंने पापा को मार डाला, वो माओवादी नहीं, किसान थे!
मेरे पापा को मार डाला, वो मा��"वादी नहीं, किसान थे। यह कहना है मंगलवार को अरनपुर थाने के अंतर्गत हुई मुठभेड़ में मारे गए भीमाराम मंडावी के बेटे रवि का
पुष्पेन्द्र कुमार सिंह. रायपुर. मेरे पापा को मार डाला, वो माओवादी नहीं, किसान थे। यह कहना है मंगलवार को अरनपुर थाने के अंतर्गत हुई मुठभेड़ में मारे गए भीमाराम मंडावी के बेटे रवि का। नीलावाय गांव के मंडावी परिवार का बेटा रवि पोटाली गांव के आश्रम में कक्षा सातवीं का छात्र है। रवि बताता है कि जब उसके पिता को गोली मारी गई तब वह पोटली आश्रम में था। इसलिए पिता के मरने की खबर उसे एक दिन बाद मिल सकी। रवि कहता है, मुझे बताया गया कि पुलिस ने पापा को गोली मार दी, उनकी मौत हो गई।
इस मुठभेड़ पर आम आदमी पार्टी नेत्री सोनी सोढ़ी के सवाल उठाने के बाद पत्रिका टीम शनिवार को नीलगाय गांव पहुंची। गांव में घुसते ही पेड़ों के पास दर्जनों लोग बैठे हुए थे। मगर एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे थे। जब उनसे पूछा गया कि मुठभेड़ में मरने वाले व्यक्ति कहां रहते हैं तो यह सुनते ही गांव वालों ने घेर लिया। उसी दौरान उस भीड़ से एक मासूम चेहरा निकलकर बाहर आया। एक व्यक्ति ने भीमाराम मंडावी के बेटे रवि से परिचय कराया। बुधवार को जब रवि घर पहुंचा तो देखा कि पिता की पीठ पर गोली लगी थी।
जैसा कि बताया गया कि इस दौरान शव को घर में रखकर मेहमानों के आने का इंतजार किया जाने लगा। गुरुवार को एक बार फिर करीब पचास जवान आए और शव को ले जाने की बात कही। जवानों का कहना था कि शव ले जाने के बाद लौटाया नहीं जाएगा। इस पर परिवार और गांव वालों ने शव को उसी दिन जलाने की बात कही और इस तरह शव जवानों को सौंपने से बचा लिया। संगे संबंधियों का कहना है कि जवानों की मौजूदगी में घर से एक किमी दूर शव को गुरुवार को ही जला दिया गया। इस तरह, दाह संस्कार के बाद इस मौत से जुड़े कई अनसुलझे सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं। वहीं, दहशतजदा ग्रामीणों का कहना है कि वे दोनों ओर से पिस रहे हैं। आखिर न्याय की गुहार लेकर कहां जाएं? पुलिस ने इस पूरे मामले को माओवादी मुठभेड़ करार दिया है। पुलिस का दावा है कि मारा गया व्यक्ति माओवादी ही था।
...और सूख गए आंसू
भीमाराम के परिवार में तीन बेटी सेमड़ी (15), नंदी (8) और कोसी (5) और एक बेटा रवि (13) है। पत्नी सामी से बात करने का प्रयास किया, लेकिन वे बस इतना ही बोली पुलिस ने मार डाला। वे अपनी 5 साल की बेटी की उंगली पकड़े थीं और दूसरी ओर इकलौता बेटा रवि� बहन के साथ था। तभी वहां कुआकोंडा आश्रम में 10वीं का छात्र सूरज पहुंचा। वह बोला, चलो हम दिखाते हैं, कहां जलाया गया था शव।
धान लहलहा रही है
मृतक का भाई जोगा बताता है, जहां पुलिस मुठभेड़ बता रही है उस जगह वह अपनी बहन से मिलने गया था। वह तो अपने बेटे रवि को पढ़ाने के लिए जी तोड़ खेतों में पसीना बहाता था। वह किसान है, उसके ६ एकड़ खेत में अभी भी धान लहलहा रही ह
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