"पुरुष नहीं है भगवान, बंद होना चाहिए 'He' का संबोधन
इंग्लैंड की सर्वोच्च पादरी एंव शीर्ष गवर्निंग बॉडी ने कहा, भगवान का कोई लिंग नहीं होता, अतः गॉड के लिए He का इस्तेमाल गलत
नई दिल्ली। ग्लॉस्टर की बिशप रैशल ट्रवीक "चर्च ऑफ इंग्लैंड" की सबसे सीनियर महिला पादरी हैं। उन्होंने कहा, "हमें बताया जाता है कि भगवान ने लोगों को अपने जैसा ही बनाया। अगर मुझे भगवान ने अपनी तरह बनाया है तो भगवान को एक पुरुष की तरह नहीं देखा जा सकता। भगवान केवल भगवान है।" द इंडिपेंडेंट ब्रिटेन की संसद हाउस ऑफ लॉर्ड्स में बैठने वाली पहली महिला बिशप रैशल ट्रवीक ने कहा है कि भगवान के लिए पुल्लिंग (He) या स्त्रीलिंग (She) का इस्तेमाल करने के बजाए, वह भगवान शब्द का इस्तेमाल करना पसंद करती हैं। ट्रवीक ने कहा कि, उन्होंने कहा है कि भगवान का कोई लिंग नहीं होता है।
ब्रिटेन की शीर्ष लेडी बिशप ने "द ऑब्जर्वर" से बातचीत में कहा, "कभी-कभार मुझसे चूक हो जाती है, लेकिन मैं कोशिश करती हूं कि ऐसा न हो। मेरा मकसद किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं है, लेकिन मैं विन्रमता से लोगों को चुनौती देना चाहती हूं।"
आपको बता दें कि "चर्च ऑफ इंग्लैंड" में लंबे समय से लैंगिक समानता को लेकर बहस चल रही है और डरम के बेलमंट ऐंड पिटिंगटन की पादरी मिरैंडा टी होम्स ने रैशल की इस टिप्पणी का स्वागत किया है। होम्स "जनरल सिनड" जो कि चर्च ऑफ इंग्लैंड की शीर्ष गवर्निंग बॉडी की सदस्य हैं। यह संगठन "चर्च ऑफ इंग्लैंड" में समावेशी भाषा के इस्तेमाल की वकालत करता है। उन्होंने भी ट्रवीक की बात से इत्तेफाक रखते हुए कहा है कि, "भगवान का कोई लिंग (जेंडर) नहीं होता है। वह इससे परे है।"
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