कृष्णा ने भी लौटाया पुरस्कार, 'दादरी- बाबरी' दोबारा नहीं झेल सकता देश
By Web Desk | Sunday, October 11, 2015 - 13:27
कृष्णा ने भी लौटाया पुरस्कार, 'दादरी- बाबरी' दोबारा नहीं झेल सकता देश
नई दिल्ली. केरल की मशहूर लेखिका सारा जोसेफ के बाद हिंदी लेखिका कृष्णा सोब्ती ने भी साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है. कृष्णा ने दादरी हिंसा और कन्नड़ साहित्यकार कुलबर्गी की हत्या के विरोध मे अकादमी पुरस्कार लौटाया है.
लेखिका ने अकादेमी की फेलोशिप भी वापस कर दी है. दादरी मामले पर लगातार हो रही बीजेपी नेताओं की तरफ से बयानबाजी पर लेखिका ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि देश अभी दूसरा 'दादरी' और 'बाबरी' जैसी घटनाओं को झेलने की हालत में नहीं है. इससे पहले सारा जोसेफ, उदय प्रकाश, कवि अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल भी अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लौटा चुके हैं.
मुफ्ती ने भी कहा भारत नफरत के माहौल में बच नहीं सकता-
जम्मू-कश्मीर के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद ने दादरी हिंसा के बाद कहा है कि भारत नफरत के माहौल में बच नहीं सकता. सईद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विकास के नाम पर वोट मिले हैं और अगर नफरत का माहौल ऐसे ही रहा तो भारत नहीं बचेगा.
लेखिका ने अकादेमी की फेलोशिप भी वापस कर दी है. दादरी मामले पर लगातार हो रही बीजेपी नेताओं की तरफ से बयानबाजी पर लेखिका ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से कहा है कि देश अभी दूसरा 'दादरी' और 'बाबरी' जैसी घटनाओं को झेलने की हालत में नहीं है. इससे पहले सारा जोसेफ, उदय प्रकाश, कवि अशोक वाजपेयी और नयनतारा सहगल भी अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस लौटा चुके हैं.
मुफ्ती ने भी कहा भारत नफरत के माहौल में बच नहीं सकता-
जम्मू-कश्मीर के सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद ने दादरी हिंसा के बाद कहा है कि भारत नफरत के माहौल में बच नहीं सकता. सईद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विकास के नाम पर वोट मिले हैं और अगर नफरत का माहौल ऐसे ही रहा तो भारत नहीं बचेगा.
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