मनीष कुंजाम बोले मोदी-राजनाथ क्यों नहीं मिले आदिवासियों से?
भारतीय आदिवासी महासभा के नेता व सीपीआई के पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने कहा है कि एक माह के भीतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बस्तर दौरे का उनकी पार्टी सीपीआई निहितार्थ तलाश रही है। श्री कुंजाम ने यह भी कहा कि देश के दो बड़े नेता बस्तर आए लेकिन ये आदिवासियों से सीधे बात करने की बजाय अपनी बात कहकर चले गए। इससे नक्सल समस्या का समाधान नहीं होने वाला। नक्सल समस्या के समाधान के लिए बस्तर के आदिवासी समाज के प्रमुखों से चर्चा की जानी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस समस्या का समाधान गोलियों से नहीं चर्चा से निकलेगा लेकिन केन्द्र हो या राज्य सरकार चर्चा इनके एजेंडे में है ही नहीं।
नईदुनिया से चर्चा में मनीष कुंजाम ने कहा कि आज बस्तर और यहां के लोग जिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं वो केन्द्र और राज्य की गलत नीतियों का परिणाम हैं। जिला मुख्यालयों में एजुकेशन हब का सब्जबाग दिखाकर बस्तर के अन्दरूनी इलाकों को उपेक्षित कर दिया गया है। अंदर लोग कैसी जिंदगी जी रहे हैं इससे सरकार को कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार के दूसरे सबसे ताकतवर मंत्री यदि 25 दिनों के भीतर बस्तर का दौरा करें तो सवाल उठना जरूरी है। सीपीआई यह जानने का प्रयास कर रही है कि आखिर केन्द्र सरकार की किस मंशा के तहत बड़े नेताओं ने बस्तर का रूख किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी की आगामी बैठक में इस मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा। पूर्व विधायक ने कहा कि विकास का ढिंढोरा पीट रही राज्य सरकार के दावों को बास्तानार ब्लाक के आदिवासियों ने बिजली-राशनकार्ड के मुद्दे पर जंगी प्रदर्शन कर जवाब दे दिया है। बस्तर में मूलभूत सुविधाएं तक जनता को नहीं मिल रही हैं लोग सड़क पर आकर लड़ाई कर रहे हैं पर लगता है सरकार को मूलभूत सुविधाओं की कमी की चिंता नहीं है। श्री कुंजाम ने कहा कि बास्तानार एक उदाहरण है आने वाले दिनों में दूसरे ब्लाकंों में भी ऐसे प्रदर्शन शुरू हो जाय तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
दंतेवाड़ा मंें सीपीआई करेगी प्रदर्शन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दंतेवाड़ा प्रवास के एक माह बाद सीपीआई ने 11 जून को दंतेवाड़ा में स्थानीय मुद्दों को लेकर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। मनीष कुंजाम ने बताया कि धरना प्रदर्शन के मुद्दे वही होंगे जो आदिवासी महासभा की पदयात्रा के समय थे। इनके अलावा एनएमडीसी में स्थानीय लोगों की भर्ती में उपेक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य व विकास के अन्य क्षेत्रों में एनएमडीसी की भागीदारी सुनिश्चित कराना रहेगा। श्री कुंजाम ने कहा कि आदिवासी महासभा की पदयात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दंतेवाड़ा प्रवास के कारण महासभा जिला मुख्यालय में सभा नहीं कर सकी थी इसलिए 11 जून को दंतेवाड़ा में सभा का कार्यक्रम रखा गया है।
---
No comments:
Post a Comment