रायपुर प्रदूषित शहरों में अव्वल, हवा में चार गुना धूल
Posted:2015-06-05 12:30:34 IST Updated: 2015-06-05 12:30:34 IST
रायपुर देश के प्रदूषित शहरों में अव्वल होता जा रहा है। डीजल वाहनों का धुआंं, औद्यागिक कारखानों का धुआं वातावरण को दूषित कर रहे हैं।
रायपुर. छत्तीसगढ़ देश के प्रदूषित शहरों में अव्वल होता जा रहा है। डीजल वाहनों का धुआंं, औद्यागिक कारखानों का धुआं वातावरण को दूषित कर रहे हैं। धूल, धुआं और तपती धूप में ड्यूटी करने वाले ट्रैफिक पुलिस के पास उससे बचने की व्यवस्था नहीं है।
अगर वातावरण दूषित होने की गति यही रही तो आने वाले समय में धूप की किरणों से बचने वाले चश्मे और मास्क जरूरी होगा। यही नहीं, बल्कि घरों से बाहर निकलने से पहले बच्चों को भी मास्क लगाकर निकलना पड़ेगा।
राजधानी की आबोहवा का बिगडऩा प्रदेश के लोगों के लिए खतरनाक साबित होगा। एक्सपर्ट बतातें हैं कि ओजोन गैस वायु प्रदूषण के अन्य तत्वों के साथ मिलकर हवा को पहले से ज्यादा खतरनाक बना देती है।
हवा में चार गुना धूल, बढ़ा आंखों में संक्रमण का खतरा
वातावरण का प्रदूषण, टूटी हुई सडकों की उड़ती धूल ,फेक्ट्रियों का धुआं कंजेक्टीवाइटिस के साथ ही अस्थमा, श्वांस की परेशानी को बढ़ाने वाला है। हवा में धूल की मात्रा चार गुना अधिक है। जो की थोड़ी सी नमीं के साथ मिलकर एलर्जी वाहक बन गए हैं। अमूमन हवा में धूल की मात्रा ( पीएम 2.5) रहती है लेकिन गर्मी में भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है।
हवा में घुली काबर्निक यौगिक बेंजीन और बेंजोपायटिन खतरनाक हो गया है। जो बच्चों से लेकर बड़ों तक को अपनी चपेट में ले रहा है। खासकर छोटे बच्चों में एलर्जी, खुजली तो बड़ों में कंजेक्टिवाइटिस रोग को बढ़ा रहा है। धूल, धुअंा का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
ऐसे करें बचाव
डॉ. आशीष दुबे के मुताबिक धूल,धुआं से बचाव करना जरूरी है। इसके लिए आंखों पर चश्मा लगाने,कई बार आंख को साफ और ठंडे पानी से धोने, नाक पर मेडिकेटेड मास्क लगाने, चेहरे और त्वचा को ढककर रखने की आवश्यकता है। वायरल इन्फेक्शन से बचाव करना मुश्किल है पर लड़ा जा सकता है।
- मास्क का प्रयोग करना अब जरुरी होता जा रहा है। यह पॉल्यूशन के छोटे-छोटे कणों को शरीर में प्रवेश होने से रोकता है।
डॉ. अभय कुमार, फिजिशियन
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