नक्सल क्षेत्र में क्यों कर रहे है जवान आत्महत्या ,जाँच के आदेश
रायपुर. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गृह मंत्रालय को केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर नोटिस जारी किया है। वहीं, सीआरपीएफ ने बस्तर में बुधवार को जवान द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में कोर्ट ऑफ� इन्क्वायरी बिठा दी है। सीआरपीएफ ने जवानों को तनाव कम करने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने का भी फैसला किया है।
एनएचआरसी के विशेष प्रवक्ता प्रो. एस नारायण ने बताया कि आयोग ने आत्महत्या के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए समुचित कारवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही अगले 8 सप्ताह में की गई कारवाई का लेखा जोखा भी मांगा है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में हर 3 दिन में एक जवान आत्महत्या कर रहा है। वहीं, जवानों द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृति लिए जाने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।
अवसाद है बड़ी वजह
छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवानों की आत्महत्या का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। बीएसएफ� के पूर्व डीजी प्रकाश सिंह कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में तैनात जवानों में अवसाद का प्रतिशत अधिक है। इसलिए आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं। बीते बुधवार को पवित्रा यादव नामक सीआरपीएफ के जवान ने बीजापुर में खुद को गोली मार ली थी। अर्धसैनिक बलों के जवानों द्वारा देश में की जाने वाली आत्महत्या के कुल मामलों में सीआरपीएफ के जवानों का प्रतिशत 40 है। इनमे से ज्यादातर मामले माओवाद प्रभावित राज्यों और खासतौर से छत्तीसगढ़ में हैं। गृह मंत्रालय द्वारा स्वैच्छिक सेवानिवृति को लेकर कराये गए अध्ययन में यह साफ हुआ है कि लम्बे समय तक परिवार से दूर रहने, छुट्टियां न मिलने और काम के लम्बे घंटों की वजह से जवानों ने बल छोडऩे का फैसला किया है।
आत्महत्या के साथ बढ़ी सेवानिवृति
केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि पिछले ५ वर्षों में 228 जवानों ने अवसाद की वजह से आत्महत्या की है। अकेले 2014 में 6 हजार जवानों ने स्वैच्छिक सेवानिवृति ली थी, जबकि 2013 में यह संख्या 4186 थी। 2009 से 2012 तक 13658 जवानों ने स्वैच्छिक सेवानिवृति ली थी। पिछले 6 वर्षों में करीब 23 हजार जवानों ने स्वैच्छिक सेवानिवृति ली है। 2008 में 52, 2009 में 53, 2010 में 28, 2011 में 43, 2012 में 43, 2013 में 70, 2014 में 74 मामले सामने आए हैं।
जवानों की ट्रेनिंग में योगा शामिल
सीआरपीएफ के जनसंपर्क कार्यालय ने पत्रिका को जानकारी दी है कि हमने योग को जवानों के प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से शामिल कर लिया है। जिससे उनके तनाव के स्तर में कमी आ सके। विश्व योग दिवस पर छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ� के 12 सौ जवान भी योग करेंगे।
-आवेश तिवारी
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