Tuesday, June 23, 2015

ग्रामसभा ने भी प्रस्ताव पास ,सरकार की आँखों में धूल झोंक रहे है कंपनी के लोग ; रायगढ़


ग्रामसभा ने भी  प्रस्ताव पास ,सरकार की आँखों में धूल झोंक रहे है कंपनी के लोग ; रायगढ़ 





गोल्डन रिफैक्ट्रीज द्वारा प्रशासन की आंखों में धूल झोंकते हुए रात में काम कराया जा रहा है। जबकि औद्योगिक एवं स्वास्थ्य सुरक्षा आयुक्त ने फैक्ट्री में धूल नियंत्रण व श्रमिकों की सुरक्षा की उपयुक्त व्यवस्था किए जाने तक काम बंद करने के निर्देश दिए गए थे। इसके अलाव क्वार्ट्राइज्ड पत्थर की घिसाई करने वाली गोल्डेन रिफैक्ट्रीज को कलेक्टर मुकेश बंसल ने भी साल करा दिया था। लेकिन इसके बाद फैक्ट्री संचालक द्वारा बाहर से श्रमिकों को लेकर यहां पत्थर घिसाई का काम चोरी छिपे किए जा रहा है।
नईदुनिया द्वारा गोल्डेन रिफैक्ट्रीज में श्रमिकों की मौत मामले को लगातार उठाया गया। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने डॉॅक्टरों की टीम बनाते हुए श्रमिकों का स्वास्थ्य परिक्षण कराया। कार्यरत श्रमिकों के लंग्स में इंफेक्शन होना पाया गया। जिस पर तत्काल फैक्ट्री को सील करने का निर्देश जारी किया गया। नईदुनिया में समाचार प्रकाशित होने के बाद औद्योगिक स्वास्थ्य एवं श्रम सुरक्षा विभाग ने मामले में लिया और फैक्ट्री का निरीक्षण किया गया। विभाग के आयुक्त ने कंपनी प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए धूल नियंत्रण व श्रमिकों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था बनाए जाने तक कंपनी बंद रखने का निर्देश जारी किया गया। आयुक्त ने यहां काम करने वाले श्रमिकों का बयान भी दर्ज किया।
पर्यावरण विभाग नहीं गंभीर
औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभाग द्वारा कंपनी का निरीक्षण उपरांत प्रदूषण का मामला पाए जाने पर क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही हेतु विभागीय चिट्टी लिखकर मामले से अवगत कराया गया था। दरअसल गोल्डेन रिफैक्ट्रीज में मामला मुख्य रूप से प्रदूषण का ही है। क्वार्ट्राइज्ड पत्थर की घिसाई से निकलने वाली सूक्ष्म कण सिलिका वृहद पैमाने पर निकलती है। सिलिका नामक कण शरीर के अंदर प्रवेश कर लंग्स को इंफेक्टेड कर देती है। जिससे श्रमिक सिलकोसिस नामक गंभीर बीमारी से जूझने लगता है। समुचित उपचार नहीं होने की वजह से श्रमिक असमय ही काल के आगोश में समा जाता है। इसी तरह की घटना होने के बाद गोल्डन रिफैक्ट्रीज चर्चा में आया।
प्रभावितों को मिलेगी क्षतिपूर्ति
इस मामले में औद्योगिक एवं स्वास्थ्य विभाग का स्पष्ट कहना है कि वे अपना काम पूरी पारदर्शिता के साथ कर रहे हैं। प्रभावित श्रमिकों का बयान कलम बंद कर लिया गया है। प्रकरण बनाकर पेश किया जाएगा जहां से श्रमिकों को मुआवजा दिलाए जाने प्रकरण तैयार किया जा रहा हैं।
वर्सन
गोल्डन रिफैक्ट्रीज फैक्ट्री से कुछ श्रमिकों काम कर बाहर निकलते देखा गया है। कलेक्टर श्री बंसल के आदेश पर सील फैक्ट्री कैसे खुली यह जांच के बाद सामने आ सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय बाहर के श्रमिकों से काम कराया जा रहा है।
राजेश त्रिपाठी
जन चेतना मंच
वर्सन
हमने अपनी ओर से पूरी कार्रवाई की है यहां काम करने वाले सभी श्रमिकों का बयान ले लिया गया है। मुआवजा प्रकरण भी तैयार किया जा रहा है ताकि श्रमिकों को उचित राहत दिलाया जा सके। मामला मूलतः पर्यावरण का होने की वजह से हमने क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी को पत्र लिखकर मामले से अवगत करा दिया है।
के.के.द्विवेदी
आयुक्त
औद्योगिक श्रम एवं स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग
वर्सन
मामला मेरे संज्ञान में आया है इस पर जांच कराई जाएगी। जरूरत पड़ी तो सील करने की कार्रवाई फिर से की जाएगी। मामले को पूरी तरह से समझ कर आगे की कार्रवाई को सुनिश्चित किया जाएगा।
नीलेश क्षीरसागर
प्रभारी कलेक्टर

No comments:

Post a Comment