बस्तर में माओवादियों का डर दिखा ठेकेदारों ने करोड़ों कमाए
Posted:2015-06-20 12:06:10 IST Updated: 2015-06-20 12:06:10 IST
माओवादियों को हथियार बनाकर पीएमजीएसवाय सड़क के लिए काम करने वाले ठेकेदारों ने पिछले दस सालों में बस्तर में करोड़ों रुपए कमाए
जगदलपुर. माओवादियों को हथियार बनाकर पीएमजीएसवाय सड़क के लिए काम करने वाले ठेकेदारों ने पिछले दस सालों में बस्तर में करोड़ों रुपए कमाए। योजना की एक कमजोरी को हथियार की तरह इस्तमाल किया और काम को अधूरा छोड़कर भाग खड़े हुए। इस पूरे मामले में सरकार लाचार नजर आ रही है।
बस्तर की माओवादी घटनाओं की आड़ लेकर ये बड़े ठेकेदार न सिर्फ निर्माण कार्य में घोर लापरवाही बरत रहे हैं बल्कि अनुबंध की कमजोरी का फायदा उठाकर सरकार को पेनाल्टी देने से भी बच जा रहे हैं। जिले की 43 पीएमजीएसवाय सड़कों को अधूरा छोड़कर भागने वाले आधा दर्जन से अधिक ठेकेदारों ने अनुबंध की धारा 55 का सहारा लेकर न सिर्फ काम से पिंड छुड़ा लिया बल्कि वे पेनाल्टी भरने से भी बच गए।
इनके काम हुए निरस्त
बस्तर में विभिन्न इलाकों में पीएम सड़क का काम करने वालों में सबसे अधिक शिकायतें मे. बाफना अर्थ मूवर्स की आई हैं। इसके अलावा संजय अग्रवाल कालिंदी कंस्ट्रक्शन, सरफेश इंजीनियरिंग, रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी, इंटीग्रेटेड इंजीनियंरग कंपनी, कुशवाहा कांस्ट्रक्शन कंपनी, आईसीआईएल, रविराज एंड कंपनी, साई लक्ष्मी कंस्ट्रक्शन, मे. टीएन कंस्ट्रक्शन, एलसी कटारे जैसे नामी कंपनियांे के कामों को धारा 55 का फायदा देते हुए निरस्त किया गया है, क्योंकि माओवादियों का डर दिखाकर इन ठेकेदारों ने काम करने से इनकार कर दिया था।
यह है धारा 55
पीएम सड़क योजना की सड़कों के लिए प्रशासन व ठेकेदारों के बीच विभिन्न धाराओं को मानते अनुबंध किया जाता है। अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर ठेकेदारों पर भारी- भरकम पेनाल्टी लगाई जाती है। इस पेनाल्टी से बचने के लिए धारा 55 के प्रावधानों का उपयोग ठेकेदार करते हैं। इसमें माओवादी घटनाओं का जिक्र साबित होने पर पेनाल्टी से ठेकेदार बच निकलते हैं।
पीएम सड़क योजना की सड़कों के लिए प्रशासन व ठेकेदारों के बीच विभिन्न धाराओं को मानते अनुबंध किया जाता है। अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर ठेकेदारों पर भारी- भरकम पेनाल्टी लगाई जाती है। इस पेनाल्टी से बचने के लिए धारा 55 के प्रावधानों का उपयोग ठेकेदार करते हैं। इसमें माओवादी घटनाओं का जिक्र साबित होने पर पेनाल्टी से ठेकेदार बच निकलते हैं।
74 सड़कों का काम ठप
पीएम सड़क की ग्राम संपर्क की अधूरी योजनाओं की फेहरिस्त बेहद लंबी है। 2004 से लेकर प्रत्येक वर्ष के आंकड़ों को देखा जाए तो 74 से अधिक सड़कों का काम पूरी तरह से बंद है। यानि की 445. 94 किमी की सड़कों का काम आधा- अधूरा ही छोड़ दिया गया है। शिकायतों के बाद विभाग ने ही 68 से अधिक पीएम सड़क योजनाओं को निरस्त कर दिया है।
पीएम सड़क की ग्राम संपर्क की अधूरी योजनाओं की फेहरिस्त बेहद लंबी है। 2004 से लेकर प्रत्येक वर्ष के आंकड़ों को देखा जाए तो 74 से अधिक सड़कों का काम पूरी तरह से बंद है। यानि की 445. 94 किमी की सड़कों का काम आधा- अधूरा ही छोड़ दिया गया है। शिकायतों के बाद विभाग ने ही 68 से अधिक पीएम सड़क योजनाओं को निरस्त कर दिया है।
माओवादी घटनाओं का हवाला देकर अनुबंध की धारा 55 में पेनाल्टी से बचा जा सकता है। अंदरूनी इलाकों में 43 से अधिक सड़कों का काम अधूरा है। इसमें ठेकेदार को माओवादी घटनाओं के साक्ष्य लाने होते हैं, इसके बाद फाइल विभाग से होकर कलक्टर, संचालनालय व नई दिल्ली तक जाती है।
कमल शर्मा, कार्यपालन अभियंता, पीएम सड़क योजना
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