Friday, June 5, 2015

चोरकाकछार[ सरगुजा ] के गरीब परिवार के लोगों ने लगाई गुहार बेदखली का सता रहा डर

हम लोग वन भूमि पर काबिज नहीं हैं साहब,

घर टूटा तो सिर छिपाने की नहीं मिलेगी जगह[ सरगुजा ]

चोरकाकछार के गरीब परिवार के लोगों ने लगाई गुहार  बेदखली का सता रहा डर








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अंबिकापुर(निप्र नईदुनिया ] 
पिछले कई वर्षों से नगर के चोरकाकछार बस्ती में घर बनाकर निवास कर रहे गरीब परिवारों को बेदखली का डर सता रहा है वन भूमि पर कब्जा कर घर बनाने का दावा कर वन विभाग ने इन परिवारों को पांच दिन की मोहलत दी है वहीं इन गरीब परिवार के सदस्यों का कहना है कि ये पिछले कई वर्षों से चोरकाकछार में न सिर्फ घर बनाकर निवास कर रहे हैं बल्कि नगर निगम को कर भुगतान कर रहे हैं इसके एवज में उनके घर में नल कनेक्शन और बिजली कनेक्शन के साथ इलाके में दूसरी बुनियादी सुविधाएं भी बहाल कर दी गई हैं 
गरीब परिवार के सदस्यों ने उन्हें बेदखल न करने की गुहार वन विभाग और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से लगाई है काबिज लोगों ने कहा कि इनका घर ढहा दिया गया तो उनके पास सिर छिपाने की जगह नहीं रहेगी और जीवन यापन भी मुश्किल हो जाएगा 
।जानकारी के मुताबिक नगर के चोरकाकछार बस्ती में कई परिवारवर्षों से कच्चे का छोटा-छोटा घर बनाकर निवास कर रहे हैं आभाव से जूझते हुए बेहद गरीबी में इन परिवारों का जीवन यापन चल रहा है इन गरीब परिवारों के समक्ष नई विपदा सामने आ गई है एक दिन पहले वन विभाग का अमला यहां पहुंचा था यहां घर बनाकर रहने वाले आठ-दस परिवारों पर वन भूमि पर कब्जे का अरोप लगाया गया ,
कमला नामक महिला द्वारा पुराने मकान का मरम्मत कार्य कराया जा रहा था इसे तोड़ दिया गया इन्द्रासो  बाई महिला के घर का एक हिस्सा तोड़ दिया गया अवधबिहारी का बरामदा क्षतिग्रस्त करने के साथ ही गीता देवी, प्रभु अगरिया, सुंदरमनी, सुखमेन, सुनील अगरिया को पांच दिन की मोहलत देते हुए जगह छोड़ देने का निर्देश दिया गया है अन्यथा बेजा कब्जा खाली करने की चेतावनी दी गई है 
वन अमले के इस निर्देश से गरीब परिवार चिंतीत हैं गुरूवार को महिलाओं ने वन अधिकारियों-कर्मचारियों से मुलाकात भी की लेकिन उन्हें राहत भरा कोई जवाब नहीं मिला गरीब परिवार के सदस्यों का कहना है कि कई वर्षों से वे उक्त स्थान पर निवास कर रहे हैं उक्त जमीन वन भूमि नहीं हैं पूर्व में सीमांकन व जांच कराई जा चुकी है जिसमें उक्त भूमि कथित रूप से गोचर का निकला है इलाके में पहुंच और प्रभाव रखने वाले साधन संपन्न लोगों द्वारा ही वन भूमि में कब्जा कर घर बनाया गया है,लेकिन ऐसे लोगों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है

चूंकि वे गरीब परिवार के सदस्य हैं और उनके आगे पीछे कोई नहीं है इसलिए उनकी नहीं सूनी जा रही है गरीब परिवार के सदस्यों ने कहा है कि यदि उनका घर तोड़ दिया गया तो उनके समक्ष गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा चिंतीत लोगों के मुताबिक वे पिछले कई वर्षो से नगर निगम का समेकित कर अदा कर रहे हैं उनके घरों में नल कनेक्शन भी लग चुका है सड़क सहित दूसरी बुनियादी सुविधाएं भी निगम प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा चुकी हैं ऐसे में अब उन्हें बेदखल करना न्याय संगत नहीं है

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