कांकेर में लौह अयस्क का मिला नया भंडार
प्रचुर खनिज संपदा वाले प्रदेश में लौह अयस्क का एक और नया भंडार मिला है। इसे छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) ने कांकेर जिले के अरिडोंगरी गांव से खोज निकाला है
रायपुर. प्रचुर खनिज संपदा वाले प्रदेश में लौह अयस्क का एक और नया भंडार मिला है। इसे छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम (सीएमडीसी) ने कांकेर जिले के अरिडोंगरी गांव से खोज निकाला है। अब इसके खनन की कवायद शुरू कर दी गई है। सीएमडीसी ने केंद्रीय खान मंत्रालय को आवेदन देकर खनन की अनुमति मांगी है। 134.645 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस लौह अयस्क भंडार से 10 लाख मीट्रिक टन लौह अयस्क खनन की उम्मीद की जा रही है।
सीएमडीसी यहां 2013 से ही लौह अयस्क के नए भंडार की संभावना तलाश रही थी। सर्वेक्षणों में सामने आया कि लौह अयस्क का अनुमानित भंडार पहले आंकी गई संभावनाओं से ज्यादा है।
निजी कंपनिया� हीरें की खोज
इस साल चार निजी खनन कंपनियों ने छत्तीसगढ़ में खनिज खनन की अनुमति मांगी है। इसमें से दो कंपनियों को हीरे की तलाश है। हीरा खनन के लिए प्रसिद्ध रिओ टिंटो एक्स्प्लोरेशन लि. ने चरौदा पटरपानी में हीरा खदान के लिए अनुमति मांगी है। उसके प्रस्ताव में २५ वर्ग किमी का क्षेत्रफल शामिल है। इधर आयरन एंड स्टील लि. कांकेर में हीरा, सोना, कॉपर ओर तथा बेस मेटल निकालने के लिए खनन की अनुमति चाहती है। लाफार्ज इंडिया ने रायपुर के सोनाडीह से लाइम स्टोन और जायसवाल निको ने राजनांदगांव जिले से लौह अयस्क खनन के लिए केंद्रीय खान मंत्रालय के मंजूरी के इंतजार में है।
पहले से ही दो खदानें
प्रस्तावित खनन क्षेत्र के पास ही लौह अयस्क की दो खदानें पहले से ही सक्रिय हैं। एक का क्षेत्रफल करीब 106 हेक्टेयर है और दूसरी का 32 हेक्टेयर। दोनों का संचालन निजी क्षेत्र की कंपनी गोदावरी इस्पात कर रही है।
अनुमति का इंतजार
अरिडोंगरी में लौह अयस्क का पर्याप्त भंडार है। यहां पहले भी सर्वेक्षण हुए थे। बाद में एक प्रस्ताव बनाकर खनन के लिए केंद्र को आवेदन भेजा गया है।
पी.एस.यादव, महाप्रबंधक, सीएमडीसी
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