पूरे प्रदेश में होगी १७० ख के मामलों की जांच
जिले में दो सौ से अधिक प्रकरण,
रास्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने दिया निर्देश
रायगढ़ (निप्र) जमीन घोटाला सामने आने के बाद अब शासन सतर्क हो गया है आदिवासियों की जमीनों को गैर आदिवासियों द्वारा परिचित के नाम खरीदी जा रही है ऐसी जमीनों की खरीदी बिक्री को बेनामी अंतरण की श्रेणी में माना जाता है इस तरह के मामले प्रदेश भर से आ रहे है इसके चलते अब राजस्व विभाग के सचिव ने इन मामलों की जांच कर १७० ख का प्रकरण दर्ज कर संबंधितों के जमीन वापस करने का निर्देश दिया है.
आदिवासियों की जमीनों को गैर आदिवासियों द्वारा अपने परिचित आदिवासी के नाम खरीदी करने के सैकड़ों मामला सामने आ चुके हैं इस मामले को लेकर अब शासन सतर्क हो गया है इसके चलते राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव केआर पिस्दा ने प्रदेश भर के संभागायुक्तों व कलेक्टरों को पत्र जारी कर ऐसे मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है कृषि भूमि क्रय करने का सैकड़ों मामला सामने आ चुके हैं अब ऐसे सभी मामलों की जांच करने का निर्देश दिया गया है खास बात यह है कि ऐसे मामलों को बेनामी अंतरण की श्रेणी में माना जाता है इससे छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता १९५९ की धारा -१६५ (६) के प्रावधान विफल होने की बात कही जा रही है इसके चलते अब बेनामी अंतरणों की जांच गंभीरता से करने व धारा १७० ख के तहत कार्रवाई कर भूमि को मूल भू-स्वामी को लौटाने का निर्देश दिया है इस निर्देश के बाद ऐसे गैर आदिवासी जो अपने परिचित आदिवासियों के नाम पर कृषि भूमि खरीदी की है, दहशत में हैं
जिले में १७० ख के दो सौ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं इतना ही नहीं अब तक पांच से सात आदिवासियों को जमीन लौटाई जा चुकी है जिले में सबसे अधिक मामले घरघोड़ा व रायगढ़ तहसील के तहत सामने आने की बात कही जा रही है इन दोनों तहसीलों में अब भी सैकड़ों मामले सुनवाई के लिए बाकी हैं
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