बस्तर के गॉव मे माओवादियो से ज्यादा सुरक्षा बलों से खतरा ,
बीजापुर के मिरतुर थाना क्षेत्र का मामला ,.रमन सिंह और राजनाथ सिंह के पास सिर्फ फोर्स ही इसका इलाज रह गया ही ,जरा इनके कारनामे तो देखिये , यहा की जनता भी तो आपके ही राज्य मे रहती है और इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आपकी ही है सिंह साहबानो,
एक बार फिर अपनी क्रूरता को लेके सुरक्षा बल आरोपो के घेरे मे हैं ,ग्रामीण दोनो तरफ से पिसने को मजबूर हैं ,माओवादियो से मुतभ्रेड मे मात खाने के बादसीआरपी और राज्य पुलिस के लोग अपनी खीज निरीह ,गरीब आदिवासियो के परिवारो से निकाल रहे हैं .बीजापुर जिले के धुर माओवादी प्रभावितथाना मिरतुर के दर्जन भर गॉव से अधिक के आदिवासियो का यह कहना हैं, की इन गॉव मे सुरक्षा बल के लोग गॉव मे पहुच के भयंकर मारपीट करते हैं ,समान की लूटपाट करते हैं , घरो से मुर्गे बकरी को जवान खा जाते हैं ,घरो मे रखी शल्फी को पी जाते है और बर्तनो को तोड़ जाते हैं , घर मे रखी रोजमर्रा की चीजो को लूट लेते हैं ,और उसे
अपने साथ ले जाते हैं ,ऐसा लगता है की कोई विदेशी लोगो ने हमारे गॉव पे हमला किया हो, विरोध करने पे फोर्स के लोग हमसे मारपीट करते हैं,
गॉव मे फोर्स का भय इस कदर हावी है की ,इनके गॉव
मे घुसते ही लोग गॉव छोड़ के भाग जाते हैं , और जब तक जंगल मे ही रहते है तब
तक की ये लोग लूट पाट के गॉव से चले ना जाएं, हालत ये है की आदिवासी अपनी रसद
छिपा के जंगलो मे रखते है , जिससे की उसे लूट से बचाया जाये , जमीनो
मे माओवादियो से ज्यादा खोफ फोर्स का समाया हुआ हैं ,ग्रामीणो के अनुसार ऐसे
हालात वर्षो से हैं ,पोरोवाड़ा, इन्द्री ,उरेपाल ,बेचपाल ,क़ुडमेर ,कॉंडपाल ,फूलदी
,तमोदी मदपल जैसे कई गॉव मे यही हालत हैं, इनकी कोई सुध लेने को तैयार नहीं हैं,
उनका कहने है की हमारी सबसे बड़ी मुश्किल ये है की पुलिस हमे ही माओवादी
समर्थक मानती हैं ,हम आखिर करे क्या,
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