अदानी ने राष्ट्रपति भवन ढहा दिया . चोंक गए न ? में पूरे होशहवास में कह रहा हूँ ,
विशवास नही होता तो आईए में तफसील से बताता हूँ /
1950 में भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ, राजेंद्र प्रसाद ने अत्यंत पिछड़ी जनजाति पंडो
को गोद लिया था ,और इनके विकास के लिए कई योजनाये बनी ,छत्तीसगढ़ में तो पंडो विकास प्राधिकरण भी बना ., वो अलग बात है है की ये जन जाती जहाँ थी वहां से भी पीछे हो गई , खैर
.
अंबिकापुर से 12
किलोमीटर दूर हैं ,पंडो नगर , मेरा कई बार जाना भी हुआ, यहाँ पंडो लोगो ने सरकार की सहायता से लगभग 50
डिसमिल ज़मीन में छोटा सा राष्ट्रपति भवन बनाया था , इसमें तीन कमरे छोटा सा बरांडा और बाहर थोड़ो खुली जगह , चारो तरफ से घेरा , बाहर बोर्ड लगा था ,भारत के राष्ट्रपति का भवन , मुझे लोगो ने बताया भी था की 15 अगस्त और
26 जनवरी को पूरी गरिमा के साथ कार्यक्रम होता हैं , जब भी वहां जाओ तो सरकारी अधिकारी हो यां पंडो लोग बड़े गर्व के साथ इस जगह को दिखाते भी थे ,. ये इस बात का भी प्रतीक था , की भारत के सर्वोच्च
को इन अत्यंत पिछड़ी जनजाति की परवाह हैं .प्रतीक रूप में ही सही लेकिन थी तो
/
परसों दिन में अदानी ग्रुप ने इस भवन को बुलडोज़र से ढहा दिया / कारण पूछिये ? लेकिन किस्से पूछेंगे ? सरकार से या उनके माईबाप अदाणी से ?
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