भरोसा करके दिया जमीन, मिला धोखा
Trusting the ground, got cheated
9/24/2014 5:25:25 AM
रायगढ़। चौड़ीकरण और सब-स्टेशन निर्माण में प्रभावित परिवारों को विस्थापित करने के उद्देश्य से सरकारी भूमि का आवंटन किया गया। जिला प्रशासन द्वारा जमीन का आवंटन प्रभावित परिवारों के लिए किया गया लेकिन प्रभावित परिवार निगम का चक्कर काटते रहे और माह भर बाद उक्त भूमि निगमकर्मियों ने किसी और को थमा दिया। ऎसे में प्रभावित परिवार कहीं के नहीं रहे।
पीडित परिवारों ने इसकी शिकायत कलक्टर मुकेश बंसल से की है। मिठ्ठुमुड़ा सारथी मोहल्ला निवासी कृष्णा बाई, रीना, घुराई बाई, लक्ष्मीन बाई, साधमति, अंजली, जानकी बाई, शीला सहित तीन दर्जन से अधिक प्रभावित परिवारों की ओर से कहा गया कि सड़क चौड़ीकरण व 11 केव्ही विद्युत सब स्टेशन के निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि पर से स्थापित करीब तीन दर्जन से अधिक परिवार सड़क व सब स्टेशन के निर्माण के बाद टेंट लगाकर रह रहे हैं।
पीडितों ने बताया कि तात्कालीन कलक्टर अमित कटारिया ने विजयपुर में खसरा नंबर 4/1 में करीब 6 एकड़ शासकीय भूमि को प्रभावितों को वितरण करने का निर्देश दिया। कलक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने पूरी प्रक्रिया करते हुए वितरण का जिम्मा निगम के कर्मचारी को सौंप दिया।
इसके बाद उक्त निगमकर्मी प्रभावित परिवारों को घुमाता रहा और दो माह बाद पता चला कि उक्त भूमि पर कई लोगों ने कच्चे व पक्के मकान बना लिए हैं। जब उनसे जाकर पूछा गया तो वहां रह रहे लोगों ने बताया कि निगमकर्मी ने दिया है और पट्टे बनवाने की बात भी कही है। कुलमिलाकर चौड़ीकरण में प्रभावित लोगों के लिए आवंटित की गई भूमि किसी और को विक्रय कर दी गई।
कैसे हुआ खुलसा
प्रभावित परिवार के सदस्यों को निगमकर्मी ने शुरूआती दौर में उक्त जमीन को दिखाया था और प्रक्रिया पूरी होने के बाद वितरण करने का आश्वासन दिया था। संदेह पर प्रभावित परिवारों ने मौके पर जाकर देखा तो वहां बस्ती बन गई थी। पूछेने पर पता चला कि आवंटित है।
दस्तावेज भी दिए थे लोगों ने
उक्त प्रभावित परिवार के सदस्यों को निगमकर्मी ने तहसीलदार से टुकड़ा नक्शा, खसरा और बी-1 मंगाया था। उक्त सारे दस्तावेज प्रभावित परिवार के लोगों ने तहसीलदार से लेकर निगमकर्मी को दिया था। इसके बाद भी उक्त प्रभावितों को जमीन का एक टुकड़ा नहीं मिला।
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