कद्दू का कोफ्ता हो गया है मोदी का चेहरा ,
जहाँ तहाँ यहाँ वहां , कही भी, सब जगह , चैनल कोई भी ,अख़बार कोई भी सब जगह कद्दू का कोफ्ता , प्रताप राव कदम की एक कविता छपी है हंस के ताजा अंक में पढ़ी होगी ,तो भी रक बार और उस पे नज़र डाल ली जाये तो क्या हर्ज़ हैं।
कद्दू से कोफ्ते
इस विधि को कितनी बार
इस विधि से बनाये कोफ्ते कितनी बार
सुन ,खा सकते है आप
बार बार खिलाया सुनाया जाये तो
कैदी नहीं है आप ,सजायाफ्ता और
अधिनस्थ भी नहीं तो कहेंगे
बस करो बंद करो
***
गर हुए तो
आ जायेंगे चेहरे पे दयनीय भाव ,
अरे फिर वही कद्दू के कोफ्ते ,
ऐसे में कोई सायना टोक दे कि
महाशय विषय 'मनुष्य का स्वस्थ्य है '
तो देढ सायना वह
जैसे होते है तमाम सस्कृति प्रेमी ,प्रवचक , कथावाचक ,
गली में आ जायेंगे मूल कथा पर कि
स्वस्थ्य के लिए जरुरी है कद्दू
तमाम गुण है कद्दू में
तो आपको बताता हूँ ,कैसे कद्दू से कोफ्ते ,,
***
अज़ीज़ आ गए हम
सुनने भर से आ रही है मिताली
डकार खट्टी
पर प्रवचन की तर्ज़ पे
संस्क़ति की रक्षा के अंदाज़ में
वे बताये ही नहीं
खिलाये जा रहे है ,कद्दू के कोफ्ते
***********************
प्रताप राव कदम की कविता हंस से
जहाँ तहाँ यहाँ वहां , कही भी, सब जगह , चैनल कोई भी ,अख़बार कोई भी सब जगह कद्दू का कोफ्ता , प्रताप राव कदम की एक कविता छपी है हंस के ताजा अंक में पढ़ी होगी ,तो भी रक बार और उस पे नज़र डाल ली जाये तो क्या हर्ज़ हैं।
कद्दू से कोफ्ते
इस विधि को कितनी बार
इस विधि से बनाये कोफ्ते कितनी बार
सुन ,खा सकते है आप
बार बार खिलाया सुनाया जाये तो
कैदी नहीं है आप ,सजायाफ्ता और
अधिनस्थ भी नहीं तो कहेंगे
बस करो बंद करो
***
गर हुए तो
आ जायेंगे चेहरे पे दयनीय भाव ,
अरे फिर वही कद्दू के कोफ्ते ,
ऐसे में कोई सायना टोक दे कि
महाशय विषय 'मनुष्य का स्वस्थ्य है '
तो देढ सायना वह
जैसे होते है तमाम सस्कृति प्रेमी ,प्रवचक , कथावाचक ,
गली में आ जायेंगे मूल कथा पर कि
स्वस्थ्य के लिए जरुरी है कद्दू
तमाम गुण है कद्दू में
तो आपको बताता हूँ ,कैसे कद्दू से कोफ्ते ,,
***
अज़ीज़ आ गए हम
सुनने भर से आ रही है मिताली
डकार खट्टी
पर प्रवचन की तर्ज़ पे
संस्क़ति की रक्षा के अंदाज़ में
वे बताये ही नहीं
खिलाये जा रहे है ,कद्दू के कोफ्ते
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प्रताप राव कदम की कविता हंस से
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