ताड्मेला मोरपल्ली ,तिमापुर और
दोरनापाल में मार्च 11 में हुई
घरो को जलाने , गांवो को उजाड़ने ,
हिंसा और बलात्कार र्की जांच
आज
से
शुरू
हिंसा की जांच के लिए बने विशेष न्यायिक जाँच आयोग के अध्यझ न्यायमूर्ति टी पी शर्मा कल शाम जाँच के लिए जगदलपुर वे पहुच गए हैं ,कल वे यहाँ से रवाना होंगे .,श्री टी,पी, शर्मा लम्बे समय तक राज्य शाशन के विधि सचिव रहे है, हम तो यही आशा कर सकते है की वे इन पीडितो के साथ न्याय करेंगे .थोडा सा इस घटना की तरफ आप सब के ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ,
मार्च 11 में ताड्मेला ,मोरपल्ली ,तिमारपुर , पुलनपाड ,में एस पी ओ ,सी आर पी और अन्य बलों ने इन चारो गांवो आदिवासियों के साथ बुरी तरह मारपीट की गई ,महिलाओ के साथ बलात्कार र्किये गए और लगभग पुरे गांवो को बुरी तरह जला दिया गया .इन गांवो पे सुरक्षा बलो न कब्जा कर लिया ,जब बाहर के लोगो को इसकी जानकारी मिली विशेषकर आदिवासीमहासभा और देश के अन्य संघटनो को उन गांवो को चारो तरफ से एस पी ओ और सेना ने इसी का भी जाना असंभव कर दिया ,यहाँ तक की कलेक्टर ,कमिश्नर तक को उन गांवो में रहत सामग्री नहीं पहुचन एडी गई उन्हें जबरजस्ती रास्ता रोक के वापस होने पे मजबूर का र्दिया ,इसी समय स्वामी अग्निवेश जी जब चार साथियों के साथ [राज्य सरकार र्की पूर्व अनुमति के साथ ] रहत सामग्री लेके रवाना हुए तो रस्ते में एस पी ओ और पुलिस जिन्हें बलात्कार के आरोप में फरार बता रही थी ,इसके नेत्रत्व में अग्निवेश जी और साथियों पे हमला किया गया ,उनके कपडे फाड़ दिये गाये ,उनक एसाथ चल रहे पुलिस को भी मार पीटा गया ,और उन्हें वापस कर दिया गया ,मुश्किल ये है की रमन सिंह और उनके अधिकारी लगतार अग्निवेश जी से चर्चा करते रहे की आप चिंता न करे हम आपकी सुरक्षा करेंगे ,खेर अंतत उन्हें पहुचने ही नहीं दिया गया।
सरकार ने कई जाँच की घोषणा की ,जाँच करता उन गांवो पहुच पहुच ही नहीं पाए।अग्निवेश जी ने सुप्रीम कोर्ट से शिकायतअपराधी अहि हाकिम की तो तो उसने सी बी आई से जाँच को कहा ,जेसे तैसे सी बी आई की टीम गाँव ने पहुचने की कोशिश की तो उन्हें एस पी ओ और ओक्सलरी फ़ोर्स ने उन्हें घेर लिया ,मरने की जाये ए थे कोशिश की तो जैसे तेसे सी आर पी के लोगो ने इन्हें एक स्कूल में बंद करके इनकी जान बचाई , और आखिर में सी बी आई ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया की उनकी जान को खतरा है ,इए में वे कोई जांच नहीं कर सकते है, और फिर कोई जाँच दल उस गाँव में कभी नही गया,
लेकिन उन गाँव की बहादुर महिलाये और पुरुष रायपुर आये प्रेस सम्मलेन में बोले और जगदलपुर में आदिवासी महासभा की रेली में आये और आप बीती विस्तारसे सुनाई ,दुनिया से कहा की हमरे गांवो को कैसे एसपीओ और सुरक्षा बलों ने उजाड़ के जला दिया और उनके साथ बलात्कार किया ,अब न उनके पास खाने को है और न रहने को कोई ठिकाना .लेकिन सरकार चाहे वो राज्य की हो या केंद्र की दोनों इस अपराध मे शामिल थी ,वो करती भी तो क्या ,अपराधी वही हाकिम ,एक बार जरुर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पे हर्षमंदर गाँव ले जाये ,उन्होंने जोभी कहा उसे भी किसी ने नहीं सुना ,और तो और सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं ,
हम आशा ही कर सकते है की टी पी शर्मा साहब कुछ कर सकें और देर से ही सही न्याय तो मिले ,
[ लाखनसिंह ]
हिंसा की जांच के लिए बने विशेष न्यायिक जाँच आयोग के अध्यझ न्यायमूर्ति टी पी शर्मा कल शाम जाँच के लिए जगदलपुर वे पहुच गए हैं ,कल वे यहाँ से रवाना होंगे .,श्री टी,पी, शर्मा लम्बे समय तक राज्य शाशन के विधि सचिव रहे है, हम तो यही आशा कर सकते है की वे इन पीडितो के साथ न्याय करेंगे .थोडा सा इस घटना की तरफ आप सब के ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ,
मार्च 11 में ताड्मेला ,मोरपल्ली ,तिमारपुर , पुलनपाड ,में एस पी ओ ,सी आर पी और अन्य बलों ने इन चारो गांवो आदिवासियों के साथ बुरी तरह मारपीट की गई ,महिलाओ के साथ बलात्कार र्किये गए और लगभग पुरे गांवो को बुरी तरह जला दिया गया .इन गांवो पे सुरक्षा बलो न कब्जा कर लिया ,जब बाहर के लोगो को इसकी जानकारी मिली विशेषकर आदिवासीमहासभा और देश के अन्य संघटनो को उन गांवो को चारो तरफ से एस पी ओ और सेना ने इसी का भी जाना असंभव कर दिया ,यहाँ तक की कलेक्टर ,कमिश्नर तक को उन गांवो में रहत सामग्री नहीं पहुचन एडी गई उन्हें जबरजस्ती रास्ता रोक के वापस होने पे मजबूर का र्दिया ,इसी समय स्वामी अग्निवेश जी जब चार साथियों के साथ [राज्य सरकार र्की पूर्व अनुमति के साथ ] रहत सामग्री लेके रवाना हुए तो रस्ते में एस पी ओ और पुलिस जिन्हें बलात्कार के आरोप में फरार बता रही थी ,इसके नेत्रत्व में अग्निवेश जी और साथियों पे हमला किया गया ,उनके कपडे फाड़ दिये गाये ,उनक एसाथ चल रहे पुलिस को भी मार पीटा गया ,और उन्हें वापस कर दिया गया ,मुश्किल ये है की रमन सिंह और उनके अधिकारी लगतार अग्निवेश जी से चर्चा करते रहे की आप चिंता न करे हम आपकी सुरक्षा करेंगे ,खेर अंतत उन्हें पहुचने ही नहीं दिया गया।
सरकार ने कई जाँच की घोषणा की ,जाँच करता उन गांवो पहुच पहुच ही नहीं पाए।अग्निवेश जी ने सुप्रीम कोर्ट से शिकायतअपराधी अहि हाकिम की तो तो उसने सी बी आई से जाँच को कहा ,जेसे तैसे सी बी आई की टीम गाँव ने पहुचने की कोशिश की तो उन्हें एस पी ओ और ओक्सलरी फ़ोर्स ने उन्हें घेर लिया ,मरने की जाये ए थे कोशिश की तो जैसे तेसे सी आर पी के लोगो ने इन्हें एक स्कूल में बंद करके इनकी जान बचाई , और आखिर में सी बी आई ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया की उनकी जान को खतरा है ,इए में वे कोई जांच नहीं कर सकते है, और फिर कोई जाँच दल उस गाँव में कभी नही गया,
लेकिन उन गाँव की बहादुर महिलाये और पुरुष रायपुर आये प्रेस सम्मलेन में बोले और जगदलपुर में आदिवासी महासभा की रेली में आये और आप बीती विस्तारसे सुनाई ,दुनिया से कहा की हमरे गांवो को कैसे एसपीओ और सुरक्षा बलों ने उजाड़ के जला दिया और उनके साथ बलात्कार किया ,अब न उनके पास खाने को है और न रहने को कोई ठिकाना .लेकिन सरकार चाहे वो राज्य की हो या केंद्र की दोनों इस अपराध मे शामिल थी ,वो करती भी तो क्या ,अपराधी वही हाकिम ,एक बार जरुर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पे हर्षमंदर गाँव ले जाये ,उन्होंने जोभी कहा उसे भी किसी ने नहीं सुना ,और तो और सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं ,
हम आशा ही कर सकते है की टी पी शर्मा साहब कुछ कर सकें और देर से ही सही न्याय तो मिले ,
[ लाखनसिंह ]
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