जिन्दा मजदूर को दफना दिया ,
जिन्दा मजदूर को दफना दिया , विरोध की सम्भावना के कारण आग लगाये जाने की साजिश की मेनेजमेंट ने /
लक्ष्मी सीमेंट को आग लगाये जाने की हकीकत , पिछले महीने 4 अप्रेल को भिलाई के मलपुरी गाँव में गाँव के आन्दोलनकारी लोगो पे कारखान को आग लगाये जादी ने के बारे में मे, मेनेजमेंट और मीडिया ने खूब हो हल्ला , अबी भी गाँव के बहुत से लोग अभी भी जेल में है और इनके नेता वीरेंदर कुर्रे पे जन सुरक्षा अधिनियम लगा के लम्बे समय तक जेल में रखने की तयारी में हैं /
सी एम् एम् मजदुर कार्यकर्त्ता समिति के साथी कलादास ने कल पी यू सी एल मीटिंग में खुलासा किया , उग्र आन्दोलन के तीन दिन पहले यानि १ अप्रेल को कारखाने के पास 20 फुट गहरा 20 चोडा एक गड्डा मेनेजमेंट मजदूरों से खुदवा रहा था .गड्डा खुदने के बाद मजदूरों ने देखा की उसकी दीवारें बेहद कमजोर है जो कभी भी गिर सकती है , उन्होंने ये कहा भी की अब इस गड्डे में उतरना संभव नहीं हैं .,लेकिन अधिकारियो ने जबरजस्ती जोर डाल के सतीश ,प्रवीण और तरुण बंजारे को उस गद्दे में उतारा , थोड़ी ही देर में गड्डे की दिवार ढह गई , तीनो मजदुर उसमे फंस गए , बड़ी कवायद के बाद दुसरे मजदुर साथियों ने सतीश और प्रवीण को बाहर निकाला , जो बुरी तरह घायल हो गए थे . लेकिन एक मजदुर तरुण बंजारे गड्डे में ही मिटटी के अन्दर फंसा रह गया , दुसरे मजदूरों ने बहुत हल्ला मचायाग लगाई ,और एक जे सी बी मशीन वाले को मजबूर भी किया ,लेकिन मेनेजमेंट न यूसे निकलन एकी कोई कोशिश नहीं की ,उलटे उस गड्डे को उसी जे सी बी मशीन से मिटटी में पट दिया ,अन्दर तरुण की लाश थी /मिल के
इसी बात पे मजदूरो में भारी गुस्सा आ गया , पास में ही वीरेंद्र कुर्रे के साथ गाँव के लोग 4 0 दिन से आन्दोलन कर रहे थे , सरे मजदुर वहां पहुच गए , उसके तुरंत बाद मजदूरों ने तरुण की लाश भी निकाली , मजदूरों और गाँव के आन्दोलनकारीयों ने जब साथ मिल के विरोध जताया ,स्थिति बिगडती देख , मेनेजमेंट ने पहले से कारखाने में एकत्रित किया गए गुंडों को हथियारों के साथ हमले के लिए भेज दिया , इन हमलावरों ने ही ख्र्खाने में आग लगा दी ताकि उसका दोष मजदूरो और गाँव के लोगो पे मढ़ा जा सके /
सारे मीडिया ने सिर्फ यही लिखा की कारखाने में आन्दोलनकारियों ने आग लगाईं , किसी ने भी तरुण बंजारे को जबरजस्ती जिन्दा दफ़न करबे की बात नहीं कही ,सरकार और उद्योगपती मिल के गाँव के लोगो को प्रताडित करने के लिए इन गाँव में अभी भी आतंक मचाये हुए हैं / [ लाखन सिंह ]
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