सारकेगुड़ा मुठभेड़ : न्यायिक आयोग ने मांगा पोस्टमार्टम का वीडियो
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जगदलपुर (ब्यूरो)। ढाई साल पहले बीजपुर जिले के सारकेगुड़ा में पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई कथित मुठभेड़ की जांच कर रहे विशेष न्यायिक जांच आयोग ने घटना में मारे गए ग्रामीणों के पोस्टमार्टम की वीडियो फिल्म मांगी है। इस घटना में मारे गए डेढ़ दर्जन लोगों में कुछ निर्दोष बच्चे व महिलाएं भी थीं। इसके साथ ही आयोग द्वारा बीजापुर जिला प्रशासन से घटना की दंडाधिकारी जांच की रिपोर्ट सहित पुलिस, सीआरपीएफ व शासन से भी दस्तावेजों की मांग की गई है। इसी माह 13 तारीख को रायपुर में आयोग ने अपनी सुनवाई बैठक में शासन, पुलिस व सीआरपीएफ के वकीलों को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा था। राजधानी से लौटते ही आयोग में पैरवी कर रहे पुलिस के वकील संजय शुक्ला, शासन पक्ष के वकील शकील अहमद तथा सीआरपीएफ के अधिवक्ता फरहान ने अधिकारियों को पत्र भेज दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है। अगली सुनवाई रायपुर में ही 12 अक्टूबर को होगी जिसमें तीनों पक्ष अपने-अपने दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। आयोग ने दस्तावेज व पुलिस एवं सीआरपीएफ की तरफ से साक्ष्यों की सूची मिलने के बाद ही गवाही कराने की बात कही है। विदित हो कि 28-29 मई 2012 को सारकेगुड़ा में अर्धसैनिक बलों व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 17 लोग मारे गए थे। मरने वालों में कुछ बच्चे व महिलाएं भी शामिल थीं। पीड़ित पक्ष के ग्रामीणों का आरोप रहा है कि पुलिस व नक्सलियों की उस दिन उनके इलाके में कोई मुठभेड़ नहीं हुई थी बल्कि पुलिस व अर्धसैनिक बलों की संयुक्त टुकड़ी ने ग्रामीणों की बैठक में फायरिंग कर उनके लोगों को मारा है। इस घटना की जांच सेवानिवृत जस्टिस व्हीके अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित न्यायिक जांच आयोग कर रहा है। आयोग पांच से छह सुनवाई बैठक जगदलपुर में आयोजित कर पीड़ित पक्षकारों का बयान दर्ज कर चुका है। दस्तावेज मिलने के बाद शासन, पुलिस एवं सीआरपीएफ के लोगों का बयान होना है।
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