Monday, September 22, 2014

कोरिया जिले से पानी लाकर बुझाते हैं प्यास

कोरिया जिले से पानी लाकर बुझाते हैं प्यास

No water for villagers in Korea, Chhattisgarh


No water for villagers in Korea, Chhattisgarh



9/15/2014 2:46:17 PM [ पत्रिका ]











अंबिकापुर/ सूरजपुर/बड़सरा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बिगड़े हैण्डपम्पों की मरम्मत नहीं कराए जाने के कारण सूरजपुर-कोरिया की सीमा से लगे ग्राम बड़सरा के ग्रामीणों को अपने दैनिक कायोंü की पूर्ति हेतु कोरिया जिले से पानी लाना पड़ रहा है। वहां से पानी लाकर ही ग्रामीणजन अपनी प्यास बुझा रहे हैं। वहीं ग्राम पंचायत के अन्य आश्रित ग्रामों के ग्रामीण पेयजल के लिए कुओं और ढोढियों पर आश्रित हैं। ग्रामीण स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नहीं होने के कारण वे आए दिन जल जनित बीमारियों से पीडित हो रहे हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

विकासखण्ड भैयाथान क्षेत्र का ग्राम पंचायत बड़सरा की सीमा पड़ोसी जिला कोरिया से लगी हुई है। पंचायत करीब 5 किलोमीटर की परिधि में फैला हुआ है। इसके आश्रित ग्राम नागमुड़ा, बस्कर, झंझरीपारा, बड़सरापारा, बसोरपारा, भण्डारपारा हैं। ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों के बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पंचायत क्षेत्र में करीब 35 हैण्डपम्प का उत्खनन कराया गया है। इनमें बड़सरापारा में 3 में से 1, बस्कर में 5 में से 2, भण्डार पारा में 3 में से 1, बड़सराखास में 6 में से 1, झंझरीपारा मे 7 में से 2, नागमुड़ा में 3 में से कोई नहीं और बसोरपारा में 3 में से 1 हैण्डपम्प चालू हालत में है। इन हैण्डपम्पों को सुधारने के लिए कई बार ग्राम के सरपंच सहित अन्य गणमान्यजनों ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के पास गुहार लगाई। लेकिन विभाग के अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।

इससे बड़सरा के ग्रामीणों को कोरिया जिले से साइकिल पर डिब्बों को लटका कर और सिर पर भारी भरकम मटका में पानी भरकर लाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं को ब्लीचिंग पाउडर तक विभाग द्वारा प्रदान नहीं किया गया है। इससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल तक नसीब नहीं हो पा रहा है। जबकि ग्राम में नल जल योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण भी पीएचई द्वारा कराया जा रहा है जो अब तक विभागीय बेपरवाही के चलते निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया जा सका है। 

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