खदान शुरू होने से पहले स्थानीय को रोजगार की मांग ने पकड़ा जोर
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मैनपाट/अंबिकापुर। लगभग दो वर्ष बाद मैनपाट के बरिमा खदान से आगामी एक अक्टूबर 2014 से पुनः बाक्साइट उत्खनन व परिवहन का कार्य शुरू हो रहा है। बाक्साइट खदान आरंभ होने से पहले स्थानीय को रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग जोर पकड़ चुकी है। बरिमा स्थित खदान में पूर्व में कार्य करने वाले सभी लोगों को पुनः रोजगार देने की मांग की गई है। रविवार को बरिमा में श्रमिकों व ग्रामीणों की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि किसी भी स्थिति में निजी स्वामित्व की जमीन से बाक्साइट उत्खनन नहीं होने दिया जाएगा।
मैनपाट के बरिमा स्थित खदान शुरू से ही छत्तीसगढ़ मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन की थी। सीएमडीसी ने बरिमा खदान से बाक्साइट उत्खनन व परिवहन का ठेका बालको कंपनी को दिया था जबकि मैनपाट के दूसरे खदानों के संचालन का अधिकार बालकों के पास था। बालको कंपनी बरिमा के अतिरिक्त दूसरे खदानों से भी बाक्साइट उत्खनन व परिवहन का काम करती थी। जुलाई 2012 में बालको को बाक्साइट उत्खनन के लिए दी गई लीज की अवधि समाप्त हो गई थी, यही स्थिति सीएमडीसी को आबंटित बरिमा बाक्साइट खदान की भी थी। पिछले दो वर्षों से मैनपाट क्षेत्र की सभी बाक्साइट खदानों से उत्खनन व परिवहन का काम बंद था। बरिमा खदान से बाक्साइट उत्खनन व परिवहन का अधिकार दुबारा सीएमडीसी को मिल गया है।
सीएमडीसी द्वारा पूर्व की भांति खदान से बाक्साइट उत्खनन व परिवहन का ठेका बालको कंपनी को दिया गया है। आगामी एक अक्टूबर 2014 से बरिमा खदान आरंभ हो रहा है। खदान से बाक्साइट उत्खनन व परिवहन का कार्य आरंभ होने से पहले स्थानीय को रोजगार देने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। रविवार को उक्त संबंध में श्रमिकों व ग्रामीणों की बैठक आहूत की गई। बैठक में श्रमिकों ने कहा कि प्रबंधन इस बार पुराने श्रमिकों के छंटनी के मूड में है, इसमें प्रभावित होने वाले ज्यादातर श्रमिक वे हैं, जिन्होंने बोनस ले लिया है।
ग्रामीणों की मांग हे कि चूंकि खदन उनके गांव में खुल रहा है इसलिए रोजगार मे भी पहले उनका हक है। यदि बाहरी लोगों को काम पर लगाया गया तो वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे। 43 श्रमिक जिन्हें आज तक बोनस नहीं दिया गया है और आयकर के दायरे में फंसने से बोनस नहीं मिल पाने की दलील दी जाती है, उन सभी को खदान आरंभ होने से पहले बोनस देने की मांग भी शुरू हो गई है।
मांगों को लेकर श्रमिक व ग्रामीण लामबंद हो चुके हैं। बैठक में गणेश यादव, अरूण सिन्हा, सुमन, नंदलाल, राधेश्याम, नांही राम, करम साय, गेंदलाल, वियज यादव, रामचंद्र व बीरबल ने कहा कि बाक्साइट उत्खनन का कार्य लीज क्षेत्र में ही करना होगा, यदि लीज क्षेत्र के बाहर निजी स्वामित्व की जमीन से बाक्साइट उत्खनन व परिवहन की कोशिश भी की गई तो कंपनी को विरोध का सामना करना पड़ेगा। उधर खबर है कि मैनपाट के दूसरे खदानों से भी बाक्साइट उत्खनन व परिवहन का कार्य शीघ्र शुरू होगा। बालको को वन मंत्रालय से बाक्साइट उत्खनन के लिए एक वर्ष की अनुमति मिल चुका है।
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