'भाजपा नेत्री को आवंटित कोल ब्लॉक रद्द, सीबीआई जांच दायरे में ले'
रायपुर (ब्यूरो)। प्रदेश में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, राज्य सरकार को घेर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत नहीं कर रही है। भाजपा नेत्री नीना सिंह की कंपनी मेसर्स नवभारत कोल फील्ड को आवंटित कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया गया है। इसकी अनुशंसा राज्य सरकार ने की थी।
वहीं दिल्ली में कोल ब्लॉक आवंटन समिति की बैठक में तत्कालीन मुख्य सचिव शिवराज सिंह ने कंपनी को फायदे में बताते हुए कोल ब्लॉक देने की अनुशंसा की थी। श्री बघेल ने आरोप लगाया कि कूटरचना करके कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए अनुशंसा की गई। श्री बघेल ने कहा कि मेसर्स नवभारत कोल फील्ड का बस्तर क्षेत्र में 1 मिलियन टन क्षमता का स्पंज आयरन प्लांट व 200 मेगावॉट क्षमता का पावर प्लांट स्थापित है और लगभग 60 हजार टन वार्षिक क्षमता का स्पंज आयरन प्लांट स्थापित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2004 को कंपनी का टर्नओवर 33.86 करोड़, नेट प्रॉफिट 59 लाख एवं कंपनी की कुल परिसंपत्ति लगभग 7.84 करोड़ थी।
उन्होंने कहा कि 1 नवंबर, 2007 को नीना सिंह ने इस्तीफा दे दिया था और नवभारत फ्यूज कंपनी ने अपना 74 फीसदी शेयर मेसर्स सोलर एक्सप्लोसिव को हस्तांरित कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के नवभारत कोलफील्ड सहित और कंपनियों का करीब 14 बार उल्लेख किया है। इससे साफ है कि छत्तीसगढ़ में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की गई। उन्होंने मांग की है कि कूटरचना, दस्तावेज के जरिए हासिल नवभारत कोल फील्ड की जांच सीबीआई करे और इस पर पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।
पीएमओ को देंगे दस्तावेज
प्रदेश में कूटरचना कर कोल ब्लॉक दिए जाने की अनुशंसा के संबंध में कांग्रेस अब पीएमओ को सभी दस्तावेज देगी। श्री बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जीरो टॉलरेंस की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, अब छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक रद्द होने के मामले में वे क्या कार्रवाई करते हैं देखना होगा।
नवभारत कोल फील्ड का मामला तो काफी पुराना है। फिलहाल मैं दिल्ली में हूं और कई कोल ब्लाक के संबंध में जांच जारी है। ऐसे में किसी तरह का बयान देना ठीक नहीं है। मैं इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
-शिवराज सिंह, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पावर कंपनी
रायपुर (ब्यूरो)। प्रदेश में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस, राज्य सरकार को घेर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत नहीं कर रही है। भाजपा नेत्री नीना सिंह की कंपनी मेसर्स नवभारत कोल फील्ड को आवंटित कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया गया है। इसकी अनुशंसा राज्य सरकार ने की थी।
वहीं दिल्ली में कोल ब्लॉक आवंटन समिति की बैठक में तत्कालीन मुख्य सचिव शिवराज सिंह ने कंपनी को फायदे में बताते हुए कोल ब्लॉक देने की अनुशंसा की थी। श्री बघेल ने आरोप लगाया कि कूटरचना करके कोल ब्लॉक आवंटित करने के लिए अनुशंसा की गई। श्री बघेल ने कहा कि मेसर्स नवभारत कोल फील्ड का बस्तर क्षेत्र में 1 मिलियन टन क्षमता का स्पंज आयरन प्लांट व 200 मेगावॉट क्षमता का पावर प्लांट स्थापित है और लगभग 60 हजार टन वार्षिक क्षमता का स्पंज आयरन प्लांट स्थापित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2004 को कंपनी का टर्नओवर 33.86 करोड़, नेट प्रॉफिट 59 लाख एवं कंपनी की कुल परिसंपत्ति लगभग 7.84 करोड़ थी।
उन्होंने कहा कि 1 नवंबर, 2007 को नीना सिंह ने इस्तीफा दे दिया था और नवभारत फ्यूज कंपनी ने अपना 74 फीसदी शेयर मेसर्स सोलर एक्सप्लोसिव को हस्तांरित कर दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के नवभारत कोलफील्ड सहित और कंपनियों का करीब 14 बार उल्लेख किया है। इससे साफ है कि छत्तीसगढ़ में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की गई। उन्होंने मांग की है कि कूटरचना, दस्तावेज के जरिए हासिल नवभारत कोल फील्ड की जांच सीबीआई करे और इस पर पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।
पीएमओ को देंगे दस्तावेज
प्रदेश में कूटरचना कर कोल ब्लॉक दिए जाने की अनुशंसा के संबंध में कांग्रेस अब पीएमओ को सभी दस्तावेज देगी। श्री बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जीरो टॉलरेंस की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, अब छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक रद्द होने के मामले में वे क्या कार्रवाई करते हैं देखना होगा।
नवभारत कोल फील्ड का मामला तो काफी पुराना है। फिलहाल मैं दिल्ली में हूं और कई कोल ब्लाक के संबंध में जांच जारी है। ऐसे में किसी तरह का बयान देना ठीक नहीं है। मैं इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।
-शिवराज सिंह, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पावर कंपनी
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