आखिर इसका इलाज क्या हैं ? हाँ, हमारे पास है इसका इलाज ,
आखिर इसका इलाज क्या हैं ? हाँ, हमारे पास है इसका इलाज , अगर पेशेंस हो तो इसे पूरा पढ़ लो , नहीं तो मर्जी आपकी /
छत्तीसगढ़ में हर बड़ी घटना के बाद सारे लोग हल्ला मचाने लगते है , की नक्सली हमले को कैसे रोक जा सकता हैं , फिर खुद ही निर्णय लेते है किऔर ज्यादा फ़ोर्स भेज जाये और एक बार में ही सबको खतम कर क्यों नहीं देते / और फिर अगली घटना का इंतजार करते हैं . और हाँ एक बात जरुर कहते हैं की ये बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा , और बार बार यही कहानी दोहराइ जाती रहती हैं ,
कुछ लोगो को लगता हैं की ,सरकार कडाई से निबटना ही नहीं चाहती , ठीक ठीक यही चाहती है सरकारें , की लोग मांगे की छत्तीसगढ़ में सेना और फ़ोर्स की तादाद बढती रहे, और जनता का समर्थ बढ़ता रहे . क्या आपको पता है की अभी छत्तीसगढ़ में कितनी सी आर पी ,बी एस एफ या अन्य फ़ोर्स है ,तो में बता दूँ की सिर्फ साउथ छत्तीसगढ़ में 6 0 कम्पनियां है , 6 0 हज़ार फ़ोर्स के लोग , और अभी मांग की जा रही है एक लाख फोजियो की , इतनी सी बात किसी को समझ नहीं आती की यदि फ़ोर्स या हथियार से हल निकलता तो या कभी का हो गया होता . फोजियों की भयंकर संख्या हैं ,उच्च स्तर के हथियार हैं , हेलिकोप्टर से लेकर मानव रहित विमान है ,तो भी आखिर ये हमले रुक क्यों नहीं रहे हैं /
इस यूद्ध में हजारो बेगुनाह आदिवासी मारे जा रहे है , घर गाँव बर्बाद हो गए ,हजारो लाखो एकड़ जमीन किसानो के हाथ से निकल गई , और उदोपतियों को सोम्प दी गई, /
में जनता हूँ की इलाज़ सब जानते अहि लेकिन करना कोई नहीं चाहता ,फिर भी कहने में क्या हर्ज़ हैं , यदि सत्ता सही में चाहती है तो उसे सिर्फ ये करना हैं /
1. ईमानदारी से पेसा कानून और पांचवी अनुसूची के प्रावधान को लागु करें /
2 , वनाधिकार कानून 2006 का पूरी तरह पालन तो करें /
3 , 2 007 तक किये गए सारे एम ऑ यू निरस्त कर दें /
4 जेलो में निर्दोष आदिवासियों को रिहा कर दिया जाये,
[ ये चारो मांग सुप्रीम कोर्ट के नियमगिरि के जजमेंट में कहे गए हैं , में कोई अपने मन से नहीं कह रहा हूँ, ]
5 . छत्तीसगढ़ में पूरी फ़ोर्स को वापस बुला लिया जाये / एक तरफ़ा यूद्ध विराम की घोषणा कर दी जाये /
अगर इसके बाद भी छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद खतम न हो जाये तो मुझे जो सजा दी जाये वो मंजूर हैं /
[ लाखन सिंह ]
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