लोग आर भी परेशां है और पार भी
.क्या आपका भी ये विश्वास बचा है , कि बिना ईश्वर कि मर्जी के पत्ता भी नहीं हिलता , स्वर्ग कश्मीर हो या देवताओ कि घाटी उत्तराखंड उसमे जो कुछ आपदा आई हैं ,इसके लिये यदि कोई जिम्मेदार है तो वो सिर्फ और सिर्फ तथाकथित ईश्वर ही हैं ,
अब ये मत कहना कि भाई बेचारा ईश्वर क्या करे ये सब तो मनुष्य का किया धरा हैं, जब सब कुछ मनुष्य ही करता है त्तो फिर ईश्वर क्या सिर्फ मज़ा लेने के लिये हैं .
ये मोटी मोटी तोंद वाले जगतगुरु और बड़ी बड़ी दाडी वाले खुदा के सीधे नुमाइंदे कहाँ है , सिर्फ प्रार्थना से काम नहीं चलेगा , थोड़ा सामने आइये ,सेना के साथ हाथ बटाइये ,लोगो कि जान सारे भगवानो कि जी हुजूरी से ज्यादा जरूरी है ,लोग बचेंगे तो ईश्वर फ़िश्वर को भी देख लेंगे.
अल्लाह या प्रभु के लोग ज्यादा खुश नहीं हों , ये सारे प्रएभु लोग भी किसी कि रक्षा करने नहीं आये ,
लोग आर भी परेशां है और पार भी .
No comments:
Post a Comment