भारत सरकार के जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि एक से ज़्यादा पत्नी वाले परिवार हिंदू ज़्यादा हैं मुसलमान कम हैं
हिमांशु कुमार
मुसलमान गरीब हैं इसलिए दो बीबी रखना उनके लिए ज़्यादा कठिन होता है .
दूसरा सीधा सा गणित भी समझ लो भक्त जनों
मान लो हर मुसलमान चार शादी करता है तो
मान लो दस मुसलमान मर्द हैं
और दस मुसलमान औरतें हैं
पहले मर्द ने चार औरतों से शादी कर ली
अब बची छह औरतें
दूसरे मुसलमान मर्द ने बची हुई औरतों में से चार से शादी कर ली
अब बची दो औरतें
तीसरे मुसलमान मर्द ने बची हुई दो औरतों से शादी कर ली
अब सात मुसलमान मर्द बच गए
और औरतें समाप्त हो गयीं
तो भक्तजनों
तुम्हारे गणित के हिसाब से तो सत्तर प्रतिशत
,मुसलमान मर्द अनब्याहे ही रह जाने चाहिए
दूसरी बात और समझो भक्तों
ये मुसलमानों द्वारा चार चार शादी करके आबादी बढ़ाने वाली
दलील पर भी
ज्ञान ले लो
बच्चे तो औरत ही पैदा करेगी ना
अब वो औरत चाहे
चार बीबी वाले मर्द से शादी करे या
एक बीबी वाले मर्द से
बच्चे तो वो उतनी ही संख्या में पैदा करेगी
चाहे किसी से भी शादी करे
तीसरी बात भक्तों
बच्चों की संख्या
धर्म से नहीं
धर्म से नहीं
शिक्षा की स्तिथी से सम्बन्ध रखती है
आज़ादी के बाद हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि दर
ईसाईयों से ज़्यादा थी
क्योंकि ईसाईयों की साक्षरता दर हिंदुओं से ज़्यादा ऊंची हो गयी थी
पढ़े लिखे हिंदू या पढ़े लिखे मुसलमान
कम बच्चे पैदा करते हैं
अशिक्षित और गरीब
हिंदू और मुसलमानों के ज़्यादा बच्चे होते हैं
कम बच्चे पैदा करते हैं
अशिक्षित और गरीब
हिंदू और मुसलमानों के ज़्यादा बच्चे होते हैं
तो भक्तों ज़्यादा बच्चे होने का सम्बन्ध
अरब से आये सन्देश की वजह से नहीं होता
इसलिए शंकराचार्य और अशोक सिघल से कहो
ज़्यादा बच्चे पैदा करने के फतवे न दे
अरब से आये सन्देश की वजह से नहीं होता
इसलिए शंकराचार्य और अशोक सिघल से कहो
ज़्यादा बच्चे पैदा करने के फतवे न दे
उससे उनकी जहालत का पता चल जाता है
तो भक्तों आज का सत्संग यहीं तक
तो भक्तों आज का सत्संग यहीं तक
कल फिर आना
कल बाकी के भक्तों को इंसान बनाया जा
कल बाकी के भक्तों को इंसान बनाया जा
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