अपनी बेटी की हत्या के खिलाफ मरते दम तक संघर्ष करेंगे - मीना खलको के माता पिता
अंबिकापुर / महिला मंच के आव्हान पे महिला हिंसा से जुड़े मुद्दो पे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जान संघटन और महिला संघटन आज अंबिकामें धरना और प्रदार्शन में शामिल हुए। इन संघटनो ने ज्वलंत समस्याओ से जिले के कमिश्नर और की आई जी से मिल के उन्हें अवगत कराया ,और उन्हें ज्ञापन सौंपा। धरना में में मीना खालको माता पिता भी शामिल हुए और मांग की की उनकी बेटी मीना की हत्या के खिलाफ न्याय दिलाने के लिए मरते दम तक संघर्ष करेंगे ,मीना खलको की हत्या पुलिस ने नक्सली मुठभेड़ बता के कर दी थी ,जिसे न्याय आयोग ने अपनी जाँच में फर्जी बताया था और पुलिस वालो के खिलाफ हत्या का मुक़दमा दर्ज़ करने को कहा था।
चार साल पहले 6 जुलाई 2011 को ग्राम करचा नवाडीह थाना चांदो बलरामपुर में अल्पवयस्क आदिवासी बालिका मीना खलको की नक्सली मुठभेड़ बता के हत्या कर दी थी ,उसके साथ बलात्कार भी किया गया था। इस कांड पे न्यायिक जाँच आयोग गठित किया गया जिसकी रिपोर्ट 26 जनवरी 2015 को आयोग की अध्यक्ष अनीता झा ने लिखा की ये पूरी मुठभेड़ ही फर्जी थी ,उन्होंने लिखा मीना कभी भी नक्सली नहीं थी और उसे नजदीक से गोलियां मारी गई थी।
पुलिस ने मुठभेड़ की कहानी झूटी और बनावटी गढ़ी ,उन्होने ये भी माना की मीना के साथ यौन हिंसा हुई थी। इस रिपोर्ट को विधान सभा में प्रस्तुत करने के बाद जुलाई 2015 को चांदो पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज़ भी किया गया ,लेकिन आज तक उन जिम्मेदार पुलिस लोगो को गिरफतार नहीं किया गया और न ही उनके खिलाफ धारा 307 के अनुसार कार्यवाही हुई।
महिला संघटनो ने कहा की ऐसे ही चिरमिरी में चर्च पे हमले किया गए और इसे एक बालिका के खिलाफ यौन हिंसा से जोड़ के देखा जा रहा हैं। यौन हिसा पे त्वरित कार्यवाही की मांग की गई। चर्चों पे हुए हमलो में हिन्दू वादी संघटनो की स्पष्ट भूमिका है ,इन संघटनो को पुलिस और प्रशाशन का समर्थन मिल रहा हैं ,
हिन्दू संघटन इन हमलो को बालिका के साथ हुई यौन हिंसा से जोड़ कर चर्च पे हमले को जायज बताने की कोशिश कर रहे हैं ,
हम सारे महिला संघटन साम्प्रदायिक हमले का जबरजस्त विरोध करते है , हमारी मांग है की सांप्रदायिक मुद्दो के लेके जोम प्रकरण दर्ज़ किया गए है उनपे त्वरित सक्षम कार्यवाही की जाये , परित्यक महिलाओ और मानव तस्करी के खिलाफ संभाग स्तर पे कार्यवाही दल गठित किया जाये , जिसके समक्ष ये संघटन अपनी जाँच रिपोर्ट और कार्य में धीमी प्रगति के बारे में बात कर उन्हें गति प्रदान कर सकें और महिलाओ को राहत दिल सकें।
धरना में सरिता ,विमला ,अर्चना गुप्ता , कमती साहू , रिन चिन , सुधा भारद्वाज भारद्वाज और नन्द कश्यप ,अमर नाथ पाण्डेय , कुमार गिरीश ,नीली वैषणव , डिग्री चौहान आदि शामिल थे ,
No comments:
Post a Comment