Thursday, May 21, 2015

पोलावरम पर फिर उच्चतम न्यायालय जाएगी सरकार


पोलावरम पर फिर उच्चतम न्यायालय जाएगी सरकार




तेलंगाना के गोदावरी जिले के पोलावरम में प्रस्तावित इंदिरा सागर बांध परियोजना से चिंतित राज्य सरकार ने इसे फिर से चुनौती देने का फैसला किया है। मंगलवार को दोपहर बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में इसका निर्णय हो गया। मुख्यमंत्री ने बांध की प्रस्तावित ऊंचाई से होने वाले डूब का अनुमान लगाने के बाद अधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय में रीज्वाइंडर दाखिल करने की प्रक्रिया पर आगे बढऩे का निर्देश दिया।
छत्तीसगढ़ सरकार इस मामले में पहले से ही एक याचिका दाखिल कर चुकी है। इस बांध से सुकमा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों के डूब जाने का खतरा पैदा हो गया है। मुख्यमंत्री का कहना था कि सरकार की कोशिश बांध से होने वाले नुकसान को सीमित करना होगा। बैठक में जल संसाधन विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग, आदिमजाति विकास विभाग, विधि एवं विधायी कार्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
राज्य सरकार नहीं करा पाई सर्वे
बांध से होने वाले नुकसान का आंकलन राज्य सरकार के पास उपलब्ध नहीं है। जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा के बजट सत्र में स्वीकार किया कि पोलावरम परियोजना का भौतिक सर्वेक्षण नहीं हो पाया है। इसके लिए सरकार भारतीय भू-सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट पर निर्भर है। अनुमान है कि इस परियोजना के बैक वॉटर से सुकमा जिले के 18 से अधिक गांव डूब जाएंगे।
इस आधार पर चुनौती
राज्य सरकार ने बांध निर्माण को चुनौती देने के लिए भारतीय भू सर्वेक्षण की सर्वे रिपोर्ट को चुनौती का आधार बनाया है। वन विभाग के प्रमुख सचिव आरपी मंडल ने बताया कि सर्वे के आधार पर पाया गया कि अगर बांध की ऊंचाई 150 फीट रहती है तो केवल 500 एकड़ राजस्व भूमि डूब में आएगी। लेकिन ऊंचाई अगर १७७ फीट हुई तो २०१ हेक्टेयर वन क्षेत्र और 2500 हेक्टेयर राजस्व भूमि डूब जाएगी।
फैक्ट फाइल
-1975 में हुआ था इंदिरा सागर पोलावरम बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना का करार
-तत्कालीन आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा सरकार ने किया था करार
-गोदावरी जल विवाद प्राधिकरण में 1980 में पारित किया अवार्ड
-2009 में केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे दिया
-2011 में छत्तीसगढ़ सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में लगाई याचिका
-150 फीट प्रस्तावित थी ऊंचाई निर्माण शुरू होने के समय
-अप्रेल 2013 से बंद हो गया था बांध निर्माण का काम
-177 फीट ऊंचाई के साथ बांध निर्माण की केंद्र ने पिछले साल दी थी अनुमति

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