Monday, May 25, 2015

काम दिलाने के नाम पर हो रही थी तस्करी, तस्करों से छुड़ाए 8 मासूम

काम दिलाने के नाम पर हो रही थी तस्करी, तस्करों से छुड़ाए 8 मासूम

Posted:   Updated: 2015-05-24 20:41:43 ISTjagdalpur: There was work to get the name trafficking, smugglers freed from 8 Innocent
जब मासूम कोण्डागांव पहुंचे और मौके पर विभागीय दल भी पहुंच गई तो वह वहां से फरार हो गया है। इस कारण मोबाइल धारक के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध करवाया जाएगा।
जगदलपुर/कोण्डागांव. महिला एवं बाल विकास विभाग ने मजदूरी के लिए तस्कर किए जा रहे आठ मासूमों को छुड़ाया। इस कार्रवाई में महिला एवं बाल विकास विभाग, बाल संरक्षण ईकाई और बाल कल्याण समिति की भूमिका सराहानीय रही। बचाए गए सभी मासूमों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। विभाग आरोपी के खिलाफ मामला पुलिस में देने की तैयारी कर रहा है।
शुक्रवार रात करीब नौ बजे जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रविकांत धु्रर्वे के निर्देशन में बस स्टैण्ड के पास से आठ बच्चों को बाल संरक्षण ईकाई ने अपने कब्जे में लिया। सभी बच्चों को बाल संरक्षण ईकाई ने शनिवार की सुबह बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां मामले की जांच के बाद सभी मासूमों को उनके परिजनों को सौंप दिया।
बडग़ांव के हैं बच्चे
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष लखनलाल पटेल और सदस्य यशवंत गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम लंजोड़ा से पांच किमी दूर बडग़ांव के ये सभी बच्चे हैं। समिति की सुनवाई के दौरान पता चला कि कोण्डागांव का एक दलाल लगभग सप्ताह भर पूर्व इन बच्चों के संपर्क में उनके ही गांव में आया था।
बडग़ांव में बच्चों के संपर्क में आए। व्यक्ति ने उन्हे अपना मोबाइल नंबर दिया और उनसे कहा कि उनको कोण्डागांव आने पर काम दिलाएगा। मोबाइल नंबर देने वाले ने अपना नाम किसी भी बच्चे को नही बताया था। बच्चों ने सप्ताह भर पहले मिले मोबाइल नंबर से संपर्क किया, जिस पर उसने सभी को कोण्डागांव पहुंच कॉल करने की बात कही गई थी। बच्चों ने ऐसा ही किया, लेकिन बच्चों तक नंबर देने वाला पहुंच पाता उससे पहले ही महिला एवं बाल विकास विभाग की दल बच्चों तक पहुंच गई। इसके बाद से विभाग लगातार उपरोक्त पंबर पर संपर्क करने की कोशिश कर रहा है लेकिन संपर्क नही हो पाया है।
बच्चों की हो रही थी तस्करी
जिले के एनएच 30 पर बसे ग्राम लंजोड़ा से लगभग पांच किमी की दूरी पर ग्राम बडग़ांव बसा हैं। यहा से सभी बच्चों को मोबाइल धारक ने काम दिलाने के नाम से कोण्डागांव आने की बात कही थी। उसने लच्छमीनाथ के ग्यारहवीं अध्यनरत पुत्र से सप्ताह भर पूर्व संपर्क किया था। इसके बाद एक-एक कर लच्छमीनाथ के छोटे पुत्र, दसरू के पुत्र, जूगधर के पुत्र, लच्छूराम के दोनों पुत्र और धनाजी के पुत्र से संपर्क कर उन्हें कोण्डागांव आने के लिए कहा गया था।
टीम के पहुंचते ही दलाल फरार
बाल कल्याण समिति की माने तो मामला मानव तस्करी का है। विभाग का मानना है, कुछ गिरोह के सदस्य कोण्डागांव जिले में सक्रिय हैं। इनके सदस्य क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में लोगों को बहला-फुसलाकर रोजगार दिलाने के नाम से कोण्डागांव तक लाया जाता है। कोण्डागांव से मासूमों को जगलदपुर ले जाया जाता है और जगदलपुर से सीमावर्ती क्षेत्र ले जाकर अन्य राज्यों में काम करने के लिए भेज दिया जाता है। जहां मजदूरी के नाम पर मजदूरों का शोषण किया जाता है। ये मामला भी कुछ कुछ ऐसा ही है, क्योंकि संबंधित ने अपना नंबर दिया पर नाम नही बताया। जब मासूम कोण्डागांव पहुंचे और मौके पर विभागीय दल भी पहुंच गई तो वह वहां से फरार हो गया है। इस कारण मोबाइल धारक के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध करवाया जाएगा।
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