Saturday, May 30, 2015

सिलकोसिस से हो रही फैक्ट्री मजदूरों की मौत; रायगढ़

सिलकोसिस से हो रही फैक्ट्री मजदूरों की मौत; रायगढ़ 

हाल ही में दो की हुई थी मौत

कलेक्टर के हटते ही फिर खुल गई सील फैक्ट्री


रायगढ़ (निप्र) जिले के दैतारी स्थित गोल्डन रि-फैक्ट्रीज में सुरक्षा व्यवस्था उपायों को दरकिनार कर मजदूरों से काम कराने से यहां के मजदूरों की सिलकोसिस नामक गंभीर से मौत हो रही है इसका दावा जिले की सामाजिक संस्था जनचेतना मंच द्वारा कराए गए परीक्षण के बाद किया जा रहा है अब तक यहां काम करने वाले ६ मजदूरों की मौत हो चुकी है पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर मुकेश बंसल ने इस फैक्ट्री को सील करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उनके जाते ही फैक्ट्री का ताला पुनः खुल गयाि;/ॅ।;ॅ।अब गोल्डन रि-फैक्ट्रीज में काम करने वाले करीब दर्जन भर से अधिक कर्मचारी मौत के मुंहाने पर हैं क्वार्टराइज्ड की घिसाई करने पर बेहद बारिक कण निकलते हैं जो स्वांस नली के सहारे लंग्स में जाकर चिपक जाते हैं आगे चलकर यह सिलकोसिस नामक बीमारी का कारण बनते हैं क्वार्टराइज्ड की घिसाई से सिलिका नामक सूक्ष्म कण निकलते हैं इसके लिए औद्योगिक एवं स्वास्थ्य सुरक्षा नियमों के मुताबिक ऐसी फैक्ट्री में डस्ट कंट्रोलर लगाना आवश्यक है लेकिन यहां आज तक डस्ट कंट्रोलर नहीं लगाया गया है जनचेतना मंच ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यदि कोई श्रमिक इस तरह की फैक्ट्री में काम करता है और सिलकोसिस बीमारी से उसकी मौत होती है तो मृतक के परिजन को मुआवजा के तौर पर कम से कम ५ लाख ヒपए देना होगा लेकिन प्रबंधन आदेशों की अवहेलना कर रहा हैि;।गोल्डन रि-फैक्ट्रीज में काम करने वाले श्रमिकों की मौत को लेकर स्थानीय प्रशासन ने पूर्व में जो पहल की थी, इससे माना जा रहा है कि आगे चलकर मजदूरों को न्याय मिल सकेगा लेकिन उनके स्थानांतरण होते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया ि;/ॅ।;ॅ।श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण की जरूरतः जनचेतना मंच के राजेश त्रिपाठी का कहना है कि गोल्डन रि-फैक्ट्रीज में कार्यरत श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाना चाहिए स्वास्थ्य परीक्षण होने से श्रमिकों में होने वाली बीमारी का खुलासा हो सकेगा मामले में जन चेतना मंच ने प्रशासन से आव्हान किया है कि फैक्ट्री में कार्यरत श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए डॉक्टरों की टीम बनाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएकिसी भी फैक्ट्री को अनुचित तरीके से ज्यादा दिनों तक बंद नहीं रखा जा सकता है यदि स्वास्थ्य परीक्षण में श्रमिकों में सिलकोसिस बीमारी का डॉक्टरी प्रमाण मिलता, तो कार्रवाई की जा सकेगीि;/-आरके शर्मा, पर्यावरण अधिकारीि;/।पूर्व में कलेक्टर के आदेश पर फैक्ट्री को सील तो किया गया था यदि अब फिर से खुल गई है तो फैक्ट्री में जाकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया जाएगा ।-केके द्विवेदी, उप संचालकि;/।औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा विभागि;।हमने बीमारी की पुष्टि के लिए चिता की राख को जनचेतना मंच के माध्यम से परीक्षण हेतु हैदराबाद लैब भेजा था जहां से श्रमिक की मृत्यु सिलकोसिस नामक बीमारी से होने की पुष्टि हुई हैि;/-राजेश त्रिपाठीि;।कार्यकर्ता, जनचेतना मंचगौरमुड़ी गांव की राधाबाई और कांति नामक महिला श्रमिक की मौत हुई इसके पूर्व चार अन्य श्रमिकों की मौत हो चुकी है सामाजिक संस्था जनचेतना मंच ने दावा किया गया है कि वर्तमान में ५ मजदूर मौत के मुंहाने पर खड़े हैं जिनकी कभी भी मौत हो सकती है गंभीर रूप से पीड़ित श्रमिकों में सुमित्रा बाई, लक्ष्िमन बाई, समारू, लाठी उरांव की स्थिति बेहद दयनीय है इसके अलावा करीब १५-२० मजदूर जो यहां पत्थर घिसाई करते हैं लंग्स इंफेक्शन से पीड़ित हैं लेकिन प्रबंधन यह मानने को तैयार नहीं हैि

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