Sunday, May 24, 2015

सरगुजा में मासूम बच्चे की भूख राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओ की विफलताओ का नतीजा


छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन
सी 52, सेक्टर -1 शंकर नगर रायपुर, cbaraipur@gmail.com

प्रेस विज्ञप्ति



सरगुजा में मासूम बच्चे की भूख राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओ की विफलताओ का नतीजा




सरगुजा जिले के मेनपाट क्षेत्र के निवासी परिवार के 4 वर्षीय बेटे की भूख और प्यास से हुई मोत की घटना पर छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन ने दुख जताते हुए हुए  हे इसे राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओ की विफलता का कारण माना हे.l भूख से मासूम की मोत न सिर्फ शर्मनाक हे बल्कि सरकार की पूरी कार्य प्रणाली पर  सवालिया निशान लगाती हे . यह घटना राज्य सरकार के उन तमाम दावो की भी पोल खोलता हे जो विकास का दम भरते नजर आते हे I  एक तरफ पुरे प्रदेश में गरीबी और बेरोजगारी के आभाव में लोग काम की तलाश में पलायन करने के लिए मजबूर हे वही दूसरी तरफ राज्य सरकार का पूरा ध्यान कार्पोरेट घरानों को प्राकर्तिक संसाधन और सुविधाए उपलब्ध करने में लगा हुआ हे l
                                                                                                                                 
प्राकृतिक साधनों से संपन्न राज्य आज भयानक गरीबी और भुखमरी की और बड रहा हे .I खनिज संपन्न इलाको में चंद लोग ही संपन्न हो रहे हे .l चंद कार्पोरेट घरानों को हजारो हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करवाई जा रही हे लेकिन गरीब आदिवासियों को उनके जंगल जमीन का हक़ देने के लिए बनाये गए वनाधिकार कानून का सही ढंग से क्रियान्वयन भी नहीं किया जा रहा हे .l मोदी सरकार के सत्ता में बेठने के बाद छत्तीसगढ़ एक दोयम दर्जे के उपनिवेश में बदल गया हे.  जहा सरकार को अपने गरीब और जरुरत मंद लोगो को भोजन के लिए दिल्ली से अनुमति लेने की जरुरत पड़ती हे जिसके न मिलने से गरीबी रेखा के राशन कार्डो को गरीबो से छिना जाता हे और इसी का नतीजा यह घटना हे .l सत्यापन के नाम पर बड़े पैमाने पर गरीब और जरुरतमंदो के राशन कार्डो को निरस्त किया गया हे जो आज भी नाम जुडवाने के लिए भटक रहे हे l

राज्य के नागरिको को मुलभुत सुविधा भोजन, शिक्षा, स्वास्थ और पानी उपलब्ध करना राज्य की जिम्मेदारी हे लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में बैठते ही इन कल्याणकारी योजनाओ में न सिर्फ कटोती की जा रही हे बल्कि इन्हें निजी हाथो में सोपा जा रहा हे l मोदी सरकार दुवारा प्रस्तुत बजट में शिक्षा, स्वास्थ और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 92 हजार करोर की कटोती की गई हे जबकि कार्पोरेट को 5 लाख 49 हजार करोड़ की सब्सिडी दी गई हे, यहाँ तक की मनरेगा को भी ख़त्म करने की बात की जा रही हे. l छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन पुनः इस घटना की निंदा करते हुए समस्त जनवादी और सामाजिक परिवर्तन की पक्षधर  ताकतों से अपील करता हे की इन अमानवीय सरकारों के खिलाफ व्यापक एकता कायम कर आन्दोलन को मजबूत करे।  


आलोक शुक्ला 
संयोजक 
09977634040

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