आदीवासी की पारम्परिक देवी, मुरिया दरबार की जगह माई दरबार,
[ देशबन्धु ]
बस्तर के आदीवासी समाज के अस्तित्व को समाप्त करने की साजिश की जा रही है।वी एच पी की बड़ी भागीदारी है।छग शासन जिन्हे खुलकर समर्थन कर रहा है।सारी कोशिश आदीवासीयो को हिन्दू धोषित करने की है।आदीवासीयो को इतना मजबूर करो की वे स्वयम अपने आप को हिन्दू कहने लगे।
सिरसागुडा मे 50 पंचायतो ने ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 129 G के तहत किसी भी गैर हिन्दू का प्रवेश गाव मे रोक दिया है। जिसका सीधा अर्थ है, अपने आप को हिन्दू कहो और गांव मे प्रवेश करो।
अधिनयम मे चोरी छुपे यह धारा सन 2008 मे जोडी गयी, जिसमे विपक्ष भी शंआत रहा।गैर हिन्दू का नाम भी PDS सूची से हटा दिया गया है। राशन पानी भी लेने की मनाही है।इस ग्राम सभा के प्रस्ताव को मंजूरी कलेक्टर ने तुरन्त दे दी, इतना ही नही विश्व हिंदू परिषद को अधिकार लागू करने की मनसा से, कलेक्टर ने प्रस्ताव की प्रति वी एच पी को दी।
छग किर्शच्यन फोरम ने रिट याचिका दायर कर आदेश को चुनौती दी है।एक वर्ष उपरांत भी छग शासन ने जवाब नही दिया है । उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश दिया है।
इस विलम्ब के चलते ऐसा ही प्रस्ताव ग्राम सभा करमरी ने भी पारित किया है।राजिम शेत्र मे किये जाने की जानकारी मिली है।
देशबंधु मे समाचार छपा है, कि आदीवासी की पारम्परिक देवी, मुरिया दरबार की जगह माई दरबार, छग शासन की दखलंदाजी एव सहयोग से लगाया गया है। साड़ी एव धोती बाटे जाने की खबर है।
[ देशबन्धु ]
बस्तर के आदीवासी समाज के अस्तित्व को समाप्त करने की साजिश की जा रही है।वी एच पी की बड़ी भागीदारी है।छग शासन जिन्हे खुलकर समर्थन कर रहा है।सारी कोशिश आदीवासीयो को हिन्दू धोषित करने की है।आदीवासीयो को इतना मजबूर करो की वे स्वयम अपने आप को हिन्दू कहने लगे।
सिरसागुडा मे 50 पंचायतो ने ग्राम पंचायत अधिनियम की धारा 129 G के तहत किसी भी गैर हिन्दू का प्रवेश गाव मे रोक दिया है। जिसका सीधा अर्थ है, अपने आप को हिन्दू कहो और गांव मे प्रवेश करो।
अधिनयम मे चोरी छुपे यह धारा सन 2008 मे जोडी गयी, जिसमे विपक्ष भी शंआत रहा।गैर हिन्दू का नाम भी PDS सूची से हटा दिया गया है। राशन पानी भी लेने की मनाही है।इस ग्राम सभा के प्रस्ताव को मंजूरी कलेक्टर ने तुरन्त दे दी, इतना ही नही विश्व हिंदू परिषद को अधिकार लागू करने की मनसा से, कलेक्टर ने प्रस्ताव की प्रति वी एच पी को दी।
छग किर्शच्यन फोरम ने रिट याचिका दायर कर आदेश को चुनौती दी है।एक वर्ष उपरांत भी छग शासन ने जवाब नही दिया है । उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश दिया है।
इस विलम्ब के चलते ऐसा ही प्रस्ताव ग्राम सभा करमरी ने भी पारित किया है।राजिम शेत्र मे किये जाने की जानकारी मिली है।
देशबंधु मे समाचार छपा है, कि आदीवासी की पारम्परिक देवी, मुरिया दरबार की जगह माई दरबार, छग शासन की दखलंदाजी एव सहयोग से लगाया गया है। साड़ी एव धोती बाटे जाने की खबर है।
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