गाय चोरी के शक में भीड़ ने हशमत को मार डाला
- 1 घंटा पहले
मणिपुर में गाय चोरी के आरोप में एक मदरसा शिक्षक की हत्या से वहां तनाव का माहौल बना हुआ है.
हत्या के विरोध में कई मुस्लिम संगठनों ने गुरुवार को पूरे मणिपुर में बंद का आह्वान किया हालांकि राजधानी इंफ़ाल के मुस्लिम बहुल इलाक़ों को छोड़कर राज्य के अन्य हिस्सों में बंद का ख़ास असर नहीं पड़ा.
घटना सोमवार की है जब राजधानी इंफ़ाल में उचेकोन लाई मोरीबा गांव के कुछ लोगों ने गाय चोरी का इल्ज़ाम लगाते हुए 55 साल के मोहम्मद हशमत अली उर्फ़ बाबू को जबरन घर से उठा लिया. बाद में भीड़ ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी.
पीड़ित परिवार ने मामले की रिपोर्ट स्थानीय इरिलबुंग थाने में दर्ज कराई है. पुलिस ने गाय के मालिक खुमल्लमबाम को गिरफ़्तार कर लिया है.
खुमल्लमबाम के ही घर से गाय का बछड़ा लापता हुआ था.
मणिपुर में गौमांस बेचने और खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है और गौमांस बाज़ार में खुलेआम बेचा जाता है.
इरिलबुंग थाना प्रभारी शरत सिंह ने बताया, "दोषी लोगों की गिरफ़्तारी को लेकर सुबह से थाने के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों की भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने दोपहर 1 बजे के बाद रबर की गोलियां चलाई जिसमें क़रीब 15 लोग घायल हो गए. गंभीर रूप से घायलों को नज़दीक के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
मुस्लिम संगठनों ने शिक्षक की हत्या की दादरी कांड से तुलना की. संगठनों ने सरकार और पुलिस पर मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. मामले में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप की भी मांग उठ रही है. बंद के दौरान लोगों ने पुलिस थाने के बाहर भी प्रदर्शन किया.
इस बीच ज्वांइट एक्शन कमेटी अगेंस्ट अली'ज़ किलिंग के संयोजक मोहम्मद रज़ाउद्दीन ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "हशमत अली स्थानीय मदरसा में शिक्षक थे और काफ़ी ईमानदार और शरीफ़ व्यक्ति थे. लेकिन उन पर बिना किसी प्रमाण के गाय चोरी का इल्ज़ाम लगाकर उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस इस मामले को बिलकुल गंभीरता से नहीं ले रही है. सोमवार को हुई इस घटना के दोषियों को अब तक गिरफ़्तार नहीं किया गया है."
(बीबीसी हिन्दी ]
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