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धमतरी. सूखा प्रभावित राज्य में फसल बर्बाद होने और कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की हताशा थम नहीं रही है। दूसरी तरफ धान की सरकारी खरीद शुरू होने के महज दो दिन बाद बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक के घोघोपुरी गांव के 55 वर्षीय हरबन हल्बा और धमतरी के जालमपुर निवासी 55 वर्षीय जुगेश्वर साहू ने जहर खाकर जान दे दी।� दोनों ही किसान फसल बर्बाद होने और कर्ज में डूबे होने से व्यथित थे। गुरुर ब्लॉक में किसान के खुदकुशी की यह दूसरी घटना है।
अब� कैसे चलेगा जीवन
परिजनों के मुताबिक हरबन ने डेढ़ एकड़ खेत में धान बोया था, जिसे भूरा माहो नामक कीट ने बर्बाद कर दिय और इसके अलावा वह कर्ज के बोझ से भी दबा था। जीवनयापन को लेकर परेशान हो गया था। घोघोपुरी के सरपंच रामभजन ने बताया, हरबन पत्नी के साथ रहता था और उसके घर की माली हालत ठीक नहीं थी। उसके दोनों लड़के कमाने-खाने बाहर गए हुए हैं। गुरुर थाना प्रभारी पीके पाठक ने बताया, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर खाने की बात सामने आई है।
विधायक ने की मदद
बालोद विधायक भैयाराम सिन्हा, जिला कांग्रेस महामंत्री नौशाद कुरैशी के साथ घोघोपुरी गांव के किसान के पहुंचकर परिजनों को 10 हजार की आर्थिक सहायता दी। सिन्हा ने कहा, प्रशासन किसानों के प्रति लापरवाही बरत रहा है और अधिकारी उनको लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं।
प्रशासनिक दावा गलत: पिछली बार गुरुर ब्लॉक के ही दर्रा गांव के एक किसान ने फसल खराब होने व कर्ज में दबे होने के कारण ही आत्महत्या कर ली थी। उस दौरान प्रशासनिक जांच के बाद कलक्टर राजेश सिंह राणा ने दावा किया था कि उक्त किसान ने कोई कर्ज नहीं लिया था। फसल में कोई कीट प्रकोप नहीं होने की बात कही थी।
इधर जांच के आदेश दिए गए
धमतरी में किसान की खुदकुशी को देखते हुए कलक्टर भीम सिंह ने एसडीएम� जीआर राठौर को जांच के आदेश दिए हैं। जुगेश्वर साहू सोमवार सुबह नाश्ता करने के बाद घर से निकला था। वापस आने पर उसकी तबियत खराब हो गई। उसने पत्नी सातो बाई को बताया, उसने जहर खा लिया है। इसके बाद उसे आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
5 एकड़ खेती रेग पर ली थी
जुगेश्वर साहू ने हरफतराई गांव में करीब 5 एकड़ खेत रेग पर ली थी। इस साल सूखे की वजह से उसे इसमें काफी नुकसान हुआ। उसने खेती के लिए लोगों से कर्ज भी ले रखा था। हालांकि परिजन उसके कर्ज लेने की बात से इनकार कर रहे हैं।
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