This Blog is dedicated to the struggling masses of India. Under the guidance of PUCL, Chhattisgarh, this is our humble effort from Chhattisgarh to present the voices of the oppressed people throughout India and to portray their daily struggles against the plunder and pillage that goes on against them throughout the country.
लीरीस का अपनी दिवंगत पत्नी के नाम संदेश--ये मासूम अपनी ख़ुशी से तुम्हें शर्मसार करेगा'
ये मासूम अपनी ख़ुशी से तुम्हें शर्मसार करेगा'
लीरीस का अपनी दिवंगत पत्नी के नाम संदेश
1 घंटा पहले
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एनटोइने लीरीस ने पेरिस के बाटाकलां थिएटर पर हुए हमले में अपनी पत्नी हेलेना को खो दिया है. अपनी पत्नी को फ़ेसबुक पर दिए गए उनके श्रद्धांजलि संदेश को लाखों लोग शेयर कर चुके हैं.
इस संदेश में उन्होंने पेरिस के हमलावरों को भी जवाब दिया है.
पिछले हफ़्ते पेरिस में हुए चरमपंथी हमलों में 129 लोगों की मौत हुई थी और 350 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे.
लीरीस का अपनी दिवंगत पत्नी के नाम संदेश
शुक्रवार रात तुमने (चरमपंथी संगठन आईएस) एक असाधारण व्यक्ति का जीवन छीन लिया. मेरे जीवन का प्यार, मेरे बेटे की मां को, लेकिन मैं तुमसे नफ़रत नहीं करूंगा.
मैं नहीं जानता कि तुम कौन हो और मैं जानना भी नहीं चाहता. तुम मृत आत्माएं हो.
यदि वो ईश्वर जिसके नाम पर तुम अंधाधुंध लोगों को मार रहे हो, उसने अपनी छवि में हमें बनाया है तो मेरी बीवी के जिस्म में धंसी हर गोली उस ईश्वर के हृदय में एक ज़ख़्म है.
इसलिए मैं तुम्हें अपनी नफ़रत का तोहफ़ा नहीं दूंगा.
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तुम यही नफ़रत चाहते हो लेकिन ग़ुस्से में अगर प्रतिक्रिया दी जाए तो क्या तुम डरोगे? तुम चाहते हो, मैं अपने साथी नागरिकों पर अविश्वास की नज़र रखूं. अपनी आज़ादी को सुरक्षा के लिए त्याग दूं.
तुम हार गए हो. वही खिलाड़ी है. वही खेल है.
मैंने आज सुबह उसे देखा था. कई रातों और दिनों के इंतज़ार के बाद. वो इतनी ही सुंदर थी जितनी की शुक्रवार शाम को जब वो गई थी, तब थी.
उतनी ही ख़ूबसूरत जितनी जब मैं बारह साल पहले उसके प्यार में पागल था, तब थी.
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हां, पीड़ा ने मुझे तोड़ा दिया है. बस मैं तुम्हें इतनी छोटी सी जीत दूंगा. लेकिन ये पीड़ा भी हमेशा नहीं रहेगी.
मैं जानता हूं कि वो रोज़ मेरे साथ होगी और हम दोनों एक दूसरे से आज़ाद रूहों के स्वर्ग में मिलेंगे. जहां तुम कभी नहीं पहुँच पाओगे.
अब हम सिर्फ़ दो हैं. मैं और मेरा बेटा. लेकिन हम दुनिया की सभी सेनाओं से ज़्यादा शक्तिशाली हैं.
मेरे पास तुम्हारे लिए ज़्यादा वक़्त नहीं है. मुझे अपने बेटे मेविल के पास जाना है, जो अभी अपनी दोपहर की नींद से उठा है.
वो सिर्फ़ सत्रह महीने का है. वो रोज़ की तरह अपना नाश्ता करेगा. और फिर हम रोज़ की तरह खेलेंगे.
और अपने जीवन के हर दिन, ये मासूम बच्चा अपनी ख़ुशी और आज़ादी से तुम्हें शर्मसार करेगा.
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