दोस्तों, "जन अपील त्वरित कार्रवाई के लिए"
सीताराम रविदास जी, आप को लाखों बार सलाम....
[ ज़ुलेख़ा जबी पोस्ट ]...
बिहार के शेखपुरा पंचायत में, सदर ब्लाक के पिंड गांव में एक "पशु" की मौत के बाद सीताराम रविदास ने उसका शव फेंकने से इंकार कर दिया, तब पशुपालक शव उनके दरवाजे पर छोड़ कर चला गया. पुलिस के मुताबिक़ इसके बाद गांव के सवर्ण दबंगों ने पंचायत लगाकर पूरे महादलित रविदास समाज के लोगों के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान कर दिया. दबंगों द्वारा लगाई पंचायत में उन्हें ये सजा दी गई है कि-
वे गांव से कोई समान नहीं खरीद सकते.
गांव की सीमा में वे शौच नहीं कर सकते
इन परिवार के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं करने दिया जायेगा
और सम्पूर्ण महादलित समाज का पूरे गाँव के साथ हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है.…
वे गांव से कोई समान नहीं खरीद सकते.
गांव की सीमा में वे शौच नहीं कर सकते
इन परिवार के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं करने दिया जायेगा
और सम्पूर्ण महादलित समाज का पूरे गाँव के साथ हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है.…
सामाजिक बहिष्कार के फैसले के खिलाफ शिकायत लेकर पीड़ित महादलित परिवार संयुक्त रूप से जब गांव के सरपंच और लोकल पुलिस के पास गए, तो वहां से कोई मदद नहीं मिली.
स्थानीय एसपी से मिलकर जब सुरक्षा की गुहार लगाई गई मगर वहां से भी कोई संतोष जनक जवाब नहीं मिला है.....!
एसडीपीओ किशोरी महतो ने बताया कि इस तरह की शिकायत मिली तो है. हम इसकी जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. अभी हम हुक्का-पानी बंद करने का आदेश देने वालों की पहचान कर रहे हैं.....! बेख़ौफ़ गुंडों की दबंगई जारी है और शेखपुरा का बहादुर रविदास समुदाय दहशत में है .....
स्थानीय एसपी से मिलकर जब सुरक्षा की गुहार लगाई गई मगर वहां से भी कोई संतोष जनक जवाब नहीं मिला है.....!
एसडीपीओ किशोरी महतो ने बताया कि इस तरह की शिकायत मिली तो है. हम इसकी जांच कराएंगे और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. अभी हम हुक्का-पानी बंद करने का आदेश देने वालों की पहचान कर रहे हैं.....! बेख़ौफ़ गुंडों की दबंगई जारी है और शेखपुरा का बहादुर रविदास समुदाय दहशत में है .....
जागरूक संवेदन शील दोस्तों, आप सभी से अपील है कि सीताराम रविदास जी के इस बहादुराना फैसले की हम सबको इज़्ज़त करना चाहिए और शेखपुरा प्रशासन को फ़ोन / ईमेल के ज़रिए दबाव बनाना चाहिए ताकि ये "इंकार" आगे फैले और रविदास/बाल्मीकि समुदाय खुद को अकेला न समझते हुए मुल्क में बढ़ाई जा रही असहिष्णुता और ग़ैर बराबरी की दबंगई के ख़िलाफ़ छेड़ी गई एक इन्क़लाबी जंग की अगुआई करे....!
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