Wednesday, November 25, 2015

असहिष्णुता से आतंकित बॉलीवुड?

असहिष्णुता से आतंकित बॉलीवुड?

Tuesday, November 24, 2015
सीजी खबर 
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आमिर खान
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: क्या देश में बढ़ती तथा चर्चित असहिष्णुता से बॉलीवुड के कुछ परिवार आतंकित हो गये हैं? इसका पता तब चला जब सोमवार को अभिनेता आमिर खान ने रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण समारोह में बताया कि उनकी पत्नी किरण राव ने उनसे पूछा था कि क्या हमें देश छोड़कर चले जाना चाहिये. आमिर खान ने खुलासा किया कि, “मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूं, वह कहती हैं कि ‘क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?’ किरण का यह बयान देना एक दुखद एवं बड़ा बयान है. उन्हें अपने बच्चे की चिंता है. उन्हें भय है कि हमारे आसपास कैसा माहौल होगा. उन्हें प्रतिदिन समाचारपत्र खोलने में डर लगता है.”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले बॉलीवुड के अभिनेता सलमान खान ने कहा था, “हम सब भारतीय हैं, क्या कोई अंतर है”. इसी तरह से असहिष्णुता के विरोध में पुरस्कार लौटाने पर शाहरुख खान ने अपनी प्रतिक्रिया यह कहते हुई दी थी कि, “अवॉर्ड लौटाने वाले लोग हिम्मती, मैं उनके साथ हूं.”
बढ़ती असहिष्णुता पर आमिर खान ने आगे अपनी चिंता व्यक्त करते हुये कहा, “एक व्यक्ति के तौर पर, एक नागरिक के रूप में इस देश के हिस्से के तौर पर हम समाचार पत्रों में पढ़ते हैं कि क्या हो रहा है, हम इसे समाचारों में देखते हैं और निश्चित तौर पर मैं चिंतित हुआ हूं. मैं इससे इनकार नहीं कर सकता. मैं कई घटनाओं से चिंतित हुआ हूं.”
50 वर्षीय आमिर ने कहा, “यह बेचैनी बढ़ने की भावना का संकेत है, चिंता के अलावा निराशा बढ़ रही है. आप महसूस करते हैं कि यह क्यों हो रहा है, आप कमजोर महसूस करते हैं. मेरे भीतर यही भावना है.” उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के लिए सुरक्षा की भावना और न्याय की भावना होनी जरूरी है.
उन्होंने राजनीतिज्ञों पर निशाना साधते हुए कहा, “..जो लोग हमारे चुने हुए प्रतिनिधि हैं, जिन लोगों को हमने राज्य या केंद्र में पांच वर्ष तक हमारी देखभाल करने के लिए चुना.. जब लोग कानून अपने हाथों में लेते हैं, हम कड़ा रुख अपनाने, एक कड़ा बयान देने, कानूनी प्रक्रिया तेज करने के लिए उनकी ओर देखते हैं, जब हम देखते हैं कि कुछ हो रहा है हमारे भीतर एक सुरक्षा की भावना आती है लेकिन जब हम कुछ होते हुए नहीं देखते तब हमारे भीतर एक असुरक्षा की भावना आती है.”
आमिर खान ने पुरस्कार लौटाये जाने पर कहा, “बड़ी संख्या में रचनात्मक लोगों.. इतिहासकार, वैज्ञानिक.. के भीतर कुछ भावना है जिसके बारे में वे मानते हैं कि उसे व्यक्त करने की जरूरत है. रचनात्मक लोगों के लिए अपना असंतोष या निराशा व्यक्त करने का एक तरीका अपने पुरस्कार लौटाना है. मेरा मानना है कि यह अपनी बात रखने के तरीकों में से एक है.”
एक सवाल के जवाब में आमिर खान ने कहा वे तब तक इस विरोध का समर्थन करेंगे जब तक यह अहिंसक है. उन्होंने कहा, “सभी व्यक्तियों को विरोध करने का अधिकार है और वे ऐसे किसी भी तरीके से विरोध कर सकते हैं जिसे वे सही मानते हैं जब तक वे कानून को अपने हाथों में नहीं ले रहे हैं.”
उधर, आमिर खान के बयान के बाद मीडिया में मचे बवाल के बाद अभिनेता अनुपम खेर ने सवाल दागा है, “प्रिय आमिर खान, क्या आपने कभी किरण से यह पूछा कि वह किस देश जाना चाहती हैं? क्या आपने उन्हें बताया कि इस देश ने आपको आमिर खान बनाया है.”

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