अचानकमार से फिर पांच गांवों को हटाएगी सरकार
मुख्य सचिव विवेक ढांड की अगुवाई में गुरुवार को हुई राज्य कैम्पा संचालन समिति की बैठक में सारसडोल, तिलईडबरा, बिरारपानी, राजक ��"र छिरहट्टा को हटाने पर अपनी मुहर लगा दी
रायपुर. राज्य सरकार अचानकमार बाघ अभयारण्य के कोर क्षेत्र से पांच और गांवों को हटाने जा रही है। मुख्य सचिव विवेक ढांड की अगुवाई में गुरुवार को हुई राज्य कैम्पा संचालन समिति की बैठक में सारसडोल, तिलईडबरा, बिरारपानी, राजक और छिरहट्टा को हटाने पर अपनी मुहर लगा दी।
इन गांवों के 386 परिवारों के व्यवस्थापन के लिए राज्य सरकार कैम्पा निधि से 38 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च करने को तैयार है। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की वन सलाहकार समिति इन गांवों को हटाने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी इस साल मार्च महीने मेंं ही दे चुका है।
पहले के 6 विस्थापित गांव अब भी नहीं बसे
तमाम जद्दोजहद के बाद जिन छह गांवों का विस्थापन हुआ, उनको ठीक ढंग से आज तक बसाया नहीं जा सका है। एेसे में इन गांवों को उजाड़ की प्रक्रिया बड़े विवाद को जन्म दे सकती है।
सरकार ने व्यवस्थापन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लेकिन, उनको ग्राम सभा में भी जाना होगा। यहां से मंजूरी के बिना व्यवस्थापन संभव नहीं है। इससे पहले सरकार को क्रिटिकल वाइल्ड लाइफ रिपोर्ट सार्वजनिक कर यह बताना होगा कि� वन्य जीवों और इंसान का सह-अस्तित्व बिल्कुल संभव नहीं है।
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