Tuesday, November 17, 2015

10 दिन बाद भी मंत्री के खिलाफ नहीं हुई एफआईआर

10 दिन बाद भी मंत्री के खिलाफ नहीं हुई एफआईआर

Posted:IST   Updated:IST
Raipur : Not FIR against the minister after 10 days
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत रही मंजीत कौर ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है
रायपुर. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत रही मंजीत कौर ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
कौर का कहना है कि उन्होंने लगभग दस दिन पहले नई राजधानी के राखी थाने सहित स्वयं उन्हें (पुलिस अधीक्षक) को शिकायत सौंपी थी, लेकिन प्रभावशाली होने के कारण मंत्री के खिलाफ अब तक मामला दर्ज नहीं किया गया है। कौर का आरोप है कि पुलिस उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रही है। पुलिस को मंत्री और उनके करीबी भवानी शंकर के खिलाफ हर हाल में एफआईआर दर्ज करनी चाहिए अन्यथा वह न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होगी।
शिकायत कराने के लिए दो घंटे तक थाने में बिठाया
कौर ने पत्र में लिखा है कि वे 4 नवम्बर को मंत्री और उनके करीबी भवानी शंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए राखी थाने गई थी। थाने में उन्होंने� बार-बार एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया, लेकिन थाना प्रभारी ने उन्हें दो घंटे तक थाने में बिठाए रखा और वे यह कहते रहे कि शिकायत पत्र के आधार पर कोई मामला ही नहीं बनता है। जब थाने में शिकायत नहीं लिखी गई, तब उन्हें पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत देनी पड़ी। यहां भी यह कहा गया कि मामले की जांचकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बताई कानून की धाराएं
कौर ने अपने पत्र में लिखा है कि जो शिकायत उनके द्वारा की गई है, वह तथ्यों पर आधारित है। इंडियन पीनल कोड की धारा 182, 332, 333, 337, 483, 503, 504, 505, 506, 507 और 509 के तहत तथा सीपीसी की धारा 182 के तहत मंत्री पर मामला दर्ज हो सकता है।� इतना ही नहीं महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ ( निवारण, प्रतिषेध और प्रतिशोध) अधिनियम 2013 की धारा 1 की उपधारा (3) के तहत भी पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर सकती है, लेकिन पुलिस जानबूझकर ऐसा नहीं कर रही है।

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