युवकों को पकड़कर पास से मारी गोली और पहना दी काली वर्दी ; बस्तर
- Bhaskar News Network
- Nov 05, 2015, 03:00 AM IST
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जिले के अरलमपल्ली में मंगलवार को पुलिस ने नक्सली मुठभेड़ में तीन नक्सली दूधी भीमा, वेट्टी लच्छू और सोढ़ी मुया को मार गिराने का दावा किया था। इधर बुधवार की दोपहर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम की अगुवाई में मृत युवकों के परिजन व अरलमपल्ली के ग्रामीण मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए युवकों की हत्या में शामिल जवानों व जिम्मेदार पुलिस अफसरों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर एसपी दफ्तर पहुंचे।
एसपी के नाम का ज्ञापन एसडीओपी राजकुमार मिंज को सौंपा। इसके बाद सभी मांगों का ज्ञापन सौंपने कलेक्टोरेट पहुंचे। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर आरएस सिरदार को भी ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सीपीआई नेता मनीष कुंजाम, जनपद अध्यक्ष अराधना मरकाम, पोड़ियाम भीमा व अरलमपल्ली गांव का उपसरपंच सोड़ी हांदा व मृतकों के परिजन मौजूद रहे। मृतकों के परिजन एवं वारदात के चश्मदीद का दावा कर दूधी हिड़में, दूधी देवे एवं दूधी जोगी ने बताया कि मंगलवार की सुबह गांव के तीनों युवक दूधी भीमा, वेट्टी लच्छू और सोढ़ी मुया साइकिल से खेत गए थे। धान कटाई के बाद वे तीनों छिंदरस निकालने पास की बाड़ी में गए। इसी दौरान बड़ी संख्या में जवान मौके पर पहुंचे। दूधी भीमा व वेट्टी लच्छू को पकड़कर जवानों ने मारपीट शुरु कर दी जिसे देखकर सोढ़ी मुया भागने लगा। मुया को भागता देख जवानों ने उस पर फायरिंग कर दी। मुया को पीठ पर गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
जवानों ने दूधी भीमा व वेट्टी लच्छू के साथ जमकर मारपीट की। जिसके बाद मुया के शव को उठाकर अपने साथ चलने को कहा। मुया के शव को लेकर जवान पोलमपल्ली के अतुलपारा पहुंचे। यहां जवानों ने दूधी भीमा व वेट्टी लच्छू के सिर पर नजदीक से गोली मार दी। जिसके बाद वाहन में लादकर तीनों युवकों का शव पोलमपल्ली थाने ले जाया गया। यहां उन्हें काली वर्दी पहनाकर नक्सली बताया गया।
दोषी जवानों के खिलाफ जुर्म दर्ज हो: कुंजाम
आदिवासी नेता व पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि तीन निर्दोष युवकों की हत्या कर पुलिस मुठभेड़ बता रही है। घटना के जिम्मेदार दोषी जवान व पुलिस अफसरों पर एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीनों मृत युवक किसान थे। नक्सली घटनाओं से उनका कोई लेना देना नहीं है।
सुकमा . आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अगुवाई में मुठभेड़ को फर्जी बताते एसपी के नाम का ज्ञापन एसडीओपी राजकुमार मिंज को सौंपा।
एसपी के नाम का ज्ञापन एसडीओपी राजकुमार मिंज को सौंपा। इसके बाद सभी मांगों का ज्ञापन सौंपने कलेक्टोरेट पहुंचे। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर आरएस सिरदार को भी ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सीपीआई नेता मनीष कुंजाम, जनपद अध्यक्ष अराधना मरकाम, पोड़ियाम भीमा व अरलमपल्ली गांव का उपसरपंच सोड़ी हांदा व मृतकों के परिजन मौजूद रहे। मृतकों के परिजन एवं वारदात के चश्मदीद का दावा कर दूधी हिड़में, दूधी देवे एवं दूधी जोगी ने बताया कि मंगलवार की सुबह गांव के तीनों युवक दूधी भीमा, वेट्टी लच्छू और सोढ़ी मुया साइकिल से खेत गए थे। धान कटाई के बाद वे तीनों छिंदरस निकालने पास की बाड़ी में गए। इसी दौरान बड़ी संख्या में जवान मौके पर पहुंचे। दूधी भीमा व वेट्टी लच्छू को पकड़कर जवानों ने मारपीट शुरु कर दी जिसे देखकर सोढ़ी मुया भागने लगा। मुया को भागता देख जवानों ने उस पर फायरिंग कर दी। मुया को पीठ पर गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
जवानों ने दूधी भीमा व वेट्टी लच्छू के साथ जमकर मारपीट की। जिसके बाद मुया के शव को उठाकर अपने साथ चलने को कहा। मुया के शव को लेकर जवान पोलमपल्ली के अतुलपारा पहुंचे। यहां जवानों ने दूधी भीमा व वेट्टी लच्छू के सिर पर नजदीक से गोली मार दी। जिसके बाद वाहन में लादकर तीनों युवकों का शव पोलमपल्ली थाने ले जाया गया। यहां उन्हें काली वर्दी पहनाकर नक्सली बताया गया।
दोषी जवानों के खिलाफ जुर्म दर्ज हो: कुंजाम
आदिवासी नेता व पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि तीन निर्दोष युवकों की हत्या कर पुलिस मुठभेड़ बता रही है। घटना के जिम्मेदार दोषी जवान व पुलिस अफसरों पर एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीनों मृत युवक किसान थे। नक्सली घटनाओं से उनका कोई लेना देना नहीं है।
सुकमा . आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अगुवाई में मुठभेड़ को फर्जी बताते एसपी के नाम का ज्ञापन एसडीओपी राजकुमार मिंज को सौंपा।
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