ट्रंप को अमरीकी मुसलमान का करारा जवाब
- 1 घंटा पहले
धर्म पर आधारित पहचान पत्र जारी करने के मुद्दे का विरोध करते हुए अमरीका के एक पूर्व नौसैनिक ने ऑनलाइन अभियान शुरू किया है.
तैयब राशिद ने रिपब्लिकन पार्टी की तरफ़ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में शामिल डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी के जवाब में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला है.
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में दिए एक साक्षात्कार में मुसलमानों पर नज़र रखने के लिए विशेष सुरक्षा और निगरानी उपाय किए जाने की संभावना पर अपनी सहमति जताई थी.
राशिद ने अपना सैन्य पहचान पत्र ट्विटर पर डाला है और ट्रंप की ओर इशारा करते हुए तंज़ कसा है, "मैं एक अमरीकी मुसलमान हूँ और पहले से ही मेरे पास एक विशेष पहचान कार्ड है. आपका कहां है?"
इसके बाद हैशटैग #MuslimID के साथ कई सारे लोगों ने अपने-अपने पहचान पत्र ट्विटर पर डालने शुरू कर दिए.
पिछले तीन दिन में इस हैशटैग का 10,000 बार इस्तेमाल किया गया है.
राशिद का कहना है कि उन्हें अमरीकी फ़ौज में सेवा देने वाले सैकड़ों लोगों के संदेश मिले हैं.
राशिद ने कहा, "मैंने सोचा था कि इस पोस्ट को कुछ लाइक तो मिल ही जाएंगे. लेकिन यक़ीन नहीं हो रहा. ये तो वायरल हो गया."
यह विवाद उस वक़्त शुरू हुआ था जब याहू न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में ट्रंप ने मुस्लिम पहचान पत्र या मुसलमानों के पंजीकरण का डेटाबेस तैयार करने की बात को ख़ारिज नहीं किया था.
ट्रंप ने कहा, "हम बहुत सारी चीज़ों पर बारीक नज़र रखने जा रहे हैं. हम मस्जिदों पर नज़र रखने जा रहे हैं."
राशिद ने कहा कि उन्होंने अपने दोस्तों से इस टिप्पणी के बारे में सुना था. उन्होंने बताया, "मैंने तुरंत ट्वीट के ज़रिए इस पर प्रतिक्रिया दी."
ट्विटर पर चल रही इस बहस में पुलिस, वकील और डॉक्टर शामिल हैं.
राशिद अहमदिया मुस्लिम समुदाय से हैं, जो पाकिस्तान में उत्पीड़न का शिकार है. 1974 में पाकिस्तान सरकार ने इस संप्रदाय को ग़ैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था. इसके बाद राशिद अपने परिवार के साथ अमरीका आ गए थे.
उस वक़्त वो 10 साल के थे. उन्होंने बीबीसी ट्रेंडिंग को बताया कि वे अपने संदेश पर मिलने वाली प्रतिक्रिया से काफ़ी ख़ुश हैं.
उन्होंने कहा, "इस मंच से मुझे यह दिखाने का मौक़ा मिला है कि जिस मुस्लिम समुदाय से मैं संबंध रखता हूं, वो ये है और यह एक शांतिप्रिय समुदाय है."
उन्होंन कहा, "मैं एक गर्व से भरा अमरीकी मुसलमान हूँ. मेरे लिए दो पहचानों के बीच कोई टकराव की स्थिति नहीं है."
(रोज़ीना सीनी का ब्लॉग)
(बीबीसी हिन्दी
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