विजयवर्गीय 'हिंदू राष्ट्र खोजें और वहीं बस जाएं'
- 4 घंटे पहले
भारतीय जनता पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने शाहरुख़ ख़ान पर तीखा हमला किया है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "शाहरुख़ खान रहते भारत में हैं पर उनका मन सदा पाकिस्तान में रहता है. उनकी फिल्मों यहाँ करोड़ो कमाती है पर उन्हें भारत असहिष्णु नजर आता है.यह देशद्रोह नहीं तो क्या है?"
हालांकि बाद में तीखी प्रतिक्रिया के बाद उन्होंने अपने ट्वीट वापस लेने का फ़ैसला करते हुए लिखा, "अगर भारत में असहिष्णुता होती तो अमिताभ के बाद सर्वाधिक लोकप्रिय अभिनेता शाहरुख़ न होते, मेरे ट्वीट को कुछ लोगो ने अलग अर्थो में लिया है. मेरा उद्देश्य किसी को भी ठेस पहुँचाना कतई नहीं था। मैं अपना कल का ट्वीट वापिस लेता हूँ."
इससे पहले विश्व हिंदू परिषद नेता साध्वी प्राची ने शाहरुख़ ख़ान को 'पाकिस्तानी एजेंट' कहा था.
इन बयानों पर तीखी प्रतिक्रिया हो रही है.
भारतीय जनता पार्टी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान से पार्टी को अलग किया और कहा कि ये उनका निजी बयान है.
ट्विटर यूज़र सुलभ पांडेय लिखते हैं, "शाहरुख़ ख़ान के लिए पाकिस्तान तो क्या कोई भी देश अपने दरवाज़े खोल देगा लेकिन कैलाश जैसे नेताओं. संभल जाओ. तुम्हें एक दिन भारत में भी जगह नहीं मिलेगी."
भरत दोषी ने लिखा, "भारत धर्म निरपेक्ष देश है. यहां कैलाश और प्राची जैसे सांप्रदायिक लोगों की जगह नहीं है. शाहरुख़ को पाकिस्तान भेजने की सलाह देने के बजाय इन्हें चाहिए कि कोई हिंदू राष्ट्र खोजें और ख़ुद वहां जाकर बस जाएं."
दौलत सिंह चौहान लिखते हैं, "बीजेपी कैलाश विजयवर्गीय को हटाकर साबित करे कि वो उनके बयान से सहमत नहीं है."
अनिल कोरी लिखते हैं, "शाहरुख़ को सुपरस्टार जनता ने बनाया. ये कैलाश और प्राची जैसे लोग होते कौन हैं उने बारे में अपनी राय देने वाले."
हेमंत वोरा ने लिखा, "शाहरुख़ तो सच्चे भारतीय हैं, लेकिन ऐसे बयान देने वाले लोगों को ज़रूरत है कि अपने दिल की जांच कराएं. ये लोग हिंदुस्तानी हो ही नहीं सकते."
जावेद अहमद ने लिखा, "शाहरुख़ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के स्टार हैं. मोदी जी अपने नेताओं को काबू में क्यों नहीं करते."
कुछ लोग कैलाश विजयवर्गीय और साध्वी प्राची के समर्थन में भी ताल ठोंक रहे हैं.
राजेश जैन ने लिखा, "शाहरुख़ बार-बार ऐसे बयान देते हैं कि वो पाकिस्तान के क़रीब लगते हैं."
@TorontoDreams ने लिखा, "शाहरुख़ ने अपना असली रंग दिखा दिया है. उनका मुखौटा उतर गया है."
नवीन जैन ने लिखा, "मोदी के नेतृत्व में भारत मज़बूती की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में शाहरुख़ ख़ान सरीखे लोगों के बयान भारत की छवि ख़राब कर रहे हैं."
इसके अलावा पाकिस्तान के जमात उद दावा संगठन प्रमुख हाफ़िज़ सईद ने भी कहा था, "शाहरुख़ सहित कोई भी ऐसा भारतीय मुसलमान जो भेदभाव का शिकार हो रहा हो वो पाकिस्तान आ सकता है."
शाहरुख़ ख़ान ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, "देश में बढ़ती असहिष्णुता देशहित में नहीं है."
उन्होंने तमाम पुरस्कार लौटाने वाले लोगों को भी 'बहादुर' बताया था.
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