Tuesday, October 14, 2014

दंतेवाड़ा क्षेत्र में लाल पानी की वजह से फसलें हो रही चौपट

दंतेवाड़ा क्षेत्र में लाल पानी की वजह से फसलें हो रही चौपट


दंतेवाड़ा। पर्यावरण मंडल एवं जिला प्रशासन की टीम ने गुरुवार को लाल पानी से प्रभावित गांवों का प्रारंभिक सर्वे किया। इस दौरान ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याएं पूछी गईं। रासायनिक एवं तकनीकी जांच के लिए प्रभावित इलाकों में मिट्टी और पानी का सेंपल लिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार 17 गांवों में जिला प्रशासन का दल प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत सर्वे कर रिपोर्ट सौंपेगा। दल में पटवारी, सचिव, एआरईओ और पीएचई के सदस्य होंगे। प्रारंभिक सर्वे के दौरान कमिश्नर आरपी जैन, कलेक्टर केसी देव सेनापति, पर्यावरण संरक्षण मंडल के सदस्य सचिव देवेंद्र सिंह मौजूद थे। कमिश्नर श्री जैन कड़मपाल के ग्रामीणों से मिले। ग्रामीणों ने बताया कि लाल पानी की वजह से फसल चौपट हो रही है। मवेशियों के लिए भी यह पानी उपयुक्त नहीं है। हैंडपंपों का पानी भी प्रदूषित हो चुका है।
कमिश्नर ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते कहा, क्षेत्र में विस्तृत रूप से लाल पानी से प्रभाव की जांच की जाएगी। इस हेतु पानी का सेंपल लिया जा रहा है। इसके पश्चात्‌ दल पाढ़ापुर पहुंचा। कलेक्टर श्री सेनापति ने यहां ग्रामीणों को बताया कि उनकी शिकायतों के आधार पर पर्यावरण मंडल एवं जिला प्रशासन का दल गांव आया है। ग्रामीण अपनी समस्याएं जरूर रखें।
पानी के अलावा मिट्टी की जांच भी की जाएगी। सदस्य सचिव श्री सिंह ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण मंडल ने प्रभावित गांवों का सर्वे किया है। मंडल एवं जिला प्रशासन का दल ग्राम भांसी व गामावाड़ा भी पहुंचा। ग्रामीणों ने हैंडपंपों से लाल पानी आने की शिकायत की। दल ने इन क्षेत्रों से सेम्प्ल प्राप्त किए। पीएचई एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों ने लाल पानी से प्रभावित अन्य ग्रामों का प्रारंभिक सर्वे किया। इस दौरान एसडीएम शिवकुमार तिवारी, ईई पीएचई आरके धनंजय, एनएमडीसी बचेली के जीएम एलबी सिंह, किरंदुल जीएम पीके सतपथी मौजूद थे।

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