Tuesday, October 21, 2014

नहीं मिली जमानत , टीआरएन कंपनी के झुटे मुक़दमे के कारण 6 आदिवसियो की मनेगी दिवाली जेल में।


नहीं मिली जमानत , टीआरएन  कंपनी के झुटे मुक़दमे के कारण 6  आदिवसियो की मनेगी दिवाली जेल में। 

रायगढ़ /आज स्थानीय कोर्ट ने इन 6  आदिवासियों की जमानत पे कोई फैसला नहीं किया ,और अगली सुनवाई 27  अक्टुम्बर को होगी ये तय किया , इससे ये तय हो गया की इन सबकी दिवाली जेल में ही बीतेगी 
रायगढ़  के विकासखण्ड घरगोड़ा के ग्राम भेंगरी और कोकरी आमा के 40 आदिवासी किसान कल ही छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के धरना आंदोलन के बाद रायगढ़  से वापस आया थे ,की रात  में  3  बजे स्थानीय पुलिस इन लोगो के घर मे घुस के 6 आदिवासियों को पकड़ के ले गई ,बहुत देर तक तो समझ ही नहीं आया की आखिर इनका कसूर क्या है ,बाद में पता चला की टी आर एन इनर्जी  कंपनी के लोगो ने ग्राम के 8  लोगो के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज करवाई झै जिसमे 8 लोगो पे चौकीदार से मारपीट करने का आरोप लगाया गया है ,कम्पनी  ने कहा ही की इन आठ लोगो ने कारखाने के अंदर जबरजस्ती घुसने की कोशिश की और चौकीदार चन्द्रिका प्रसाद गिरी से मारपीट की ,और इन सबके खिलाफ धारा 147 ,323 ,294 ,327 ,506  बी  के तहत गिरफ्तारियां की गई है ,और रातो रात इन्हे थाने  और बाद में जेल भेज दिया गया ,

गिरफ्तार किया गए सभी लोग आदिवासी है और इन सबकी जमीन कमपनी ने फर्जी तरीके से अपने कब्ज़े में कर ली हैं ,ये लोग है , सेतलाल माझी,रथ लाल ,ऐतवार ,धनाराम ,रामकुमार और जोगी राम माझी है , भेंगरी और कोकारी आमा  के 80  आदिवासियों की जमीन एनर्जी  कंपनी ने फर्जी तरीके से हड़प ली है ,ये सारी  जमीन बेनामी और फर्जी कागजात के आधार पे कब्जाई  गई हैं , इस फेराफेरी के खिलाफ सभी किसान जिला प्रशाशन के पास 107  [ ] के तहत कार्यवाही के लिए गए थे ,और कलेक्टर ने इसकी जाँच के भी आदेश दिया है ,जिसकी जाँच एसडीएम  श्री अभिषेक सिंह कर रहे हैं।

इस गाव के 40 -50  आदिवासी  फर्जी जमीं हस्तांतरण के खिलाफ और पैसा एक्ट कानून के पालन और वनाधिकार कानून के क्रियान्वयन के लिए कई महीनो से आंदोलनरत है , 15 अक्टुम्बर यानि परसो के दिन ये सब रायगढ़ कलेक्टर के सामने धरना और प्रदर्शन के लिए गए थे , इसके पहले से  तैयारी  करने में इन लोगो ने सक्रिय  भूमिका अदा  की थी ,इससे कंपनी के लोग बोखला गए थे ,और  इनके खिलाफ झुटे प्रकरण दर्ज करवाने और उनके साथ पुलिस की मिलीभगत से इन्होने इन्हे गिरफ्तार करके अपने विरोध को दबाने की कोशिश की हैं ,





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