Wednesday, September 3, 2014

विशेष जन सुरक्षा कानून को सर्वोच्च न्यालय में चुनौती , न्यालय ने राज्य सरकार को जबाब के लिया नोटिस दिया ,

विशेष जन  सुरक्षा कानून को सर्वोच्च  न्यालय में चुनौती , न्यालय ने राज्य सरकार को जबाब के लिया नोटिस दिया ,

मानवअधिाकर संघटन पीयूसीएल ने छत्तीसगढ़ में लागू  विशेष जनसुरक्ष  कानून को नागरिक  स्वंत्रता पे अंकुश लगाने वाला बताया हैं ,मूल अधिकारों पे नियंत्रण करने की वजह से ये पूरी तरह से असंवैधानिक हैं ,राज्य में माओ वादी गतिविधि से निबटने   के लिए पहले से ही विधिविरुद्द  गतिविधि प्रतिरोध कानून का प्रावधान है तो फिर इस कानून की क्या जरुरत हैं।  याचिका में इसे रद्द करने की मांग की हैं।  
पीयूसीएल की तरफ से मामले की पैरवी राजेंद्र सच्चर कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय इस याचिका को पहले ख़ारिज कर चूका है ,इसको ही चुनौती सर्वॉच न्यालय में दी गई हैं।

संघटन की महासचिव  सुधा भरद्वाज का आरोप है की राज्य सरकार सामान्य ग्रामीणो  को हार्ड कोर  माओवादी बता के उन्हें गिरफ्तार  और उनका समर्पण करने का खुलासा कांग्रेस  और भाकपा के लोग खुलासा कर चूके हैं ,पिछले ६ महीने में सिर्फ कांकेर से ही 13  जनप्रतिनिधि को गिरफ्तार किया गया है , 

अंतागढ़ के उप चुनाव में प्रत्यशियो के इतनी बड़ी संख्या में नाम वापसी को अस्वाभाविक मानते हुए कहा है  की बस्तर की परस्थितियों  मे अभी अभी जनपद के सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया हैं ,  

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