Wednesday, September 3, 2014

बस्‍तर में नक्‍सलियों का सरेंडर और गिरफ्तारी बना रहस्‍य


बस्‍तर में नक्‍सलियों का सरेंडर और गिरफ्तारी बना रहस्‍य
छत्‍तीसगढ़ में नक्‍सल प्रभावित क्षेत्रों में अचानक माओवादियों के आत्‍मसमर्पण करने के मामलों में तेजी आई है। यह तेजी वरिष्‍ठ आईपीएस अधिकारी एसआरपी कल्‍लूरी के बस्‍ती क्षेत्र में पुलिस महानिरीक्षक का पद संभालने के बाद से आई है। 2012 में 18 नक्‍सलियों ने आत्‍मसमर्पण किया था वहीं 2013 में यह आंकड़ा बढ़कर 22 तक पहुंचा लेकिन 2014 में अगस्‍त माह के अंत तक 115 नक्‍सली सरेंडर कर चुके हैं।
छत्‍तीसगढ़ पुलिस बस्‍तर क्षेत्र में सीआरपीएफ, बीएसएफ और आईटीबीपी के साथ मिलकर काम करती है और उन्‍हें नक्‍सलियों के बारे में महत्‍वपूर्ण जानकारियों उपलब्‍ध कराती है। दो दिन पहले पुलिस ने दस नक्‍सलियों को पकड़ने का दावा किया था। वहीं रविवार को नक्‍सली कमलोचन कश्‍यप उर्फ कोसा को सीआरपीएफ और जिला पुलिस ने एक संयुक्‍त अभियान में दंतेवाड़ा के जंगलों से गिरफ्तार किया था। जिला पुलिस ने दावा किया था कि कोसा पिछले दस सालों से नक्‍सली गतिविधियों में लिप्‍त था। कोसा नक्‍सली संगठन ‘दंडकारण्‍य आदिवासी किसान मजदूर संघ’ का सदस्‍य रह चुका है और टिकनपाल यूनिट का अध्‍यक्ष भी रह चुका है।
वहीं कुछ दिनों पहले एक लाख की ईनामी नक्‍सली महिला को रायपुर के व्‍यवसायिक क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। बीते सप्‍ताह बस्‍तर पुलिस ने दावा किया उन्‍होंने सुकुम के रहने वालेदो नक्‍सलियों सुखदेव नाग और मांझीराम कश्‍यप को गिरफ्तार किया है जिन्‍होंने कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा और अन्‍य को मार गिराया था। अचानक नक्‍सलियों आत्‍मसमर्पण करने से कई सवाल खड़े हो गए हैं और यह मामला अब जांच के घेरे में आ गया है।
पूर्व विधायक और सीपीआई नेता मनीष कुंजम ने कहा है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किए जाने का दावा किया जा रहा है वह निर्देष गांववाले हैं और उनकी पार्टी के सदस्‍य हैं। उन्‍होंने बताया कि नाग को जनपद सदस्‍य और अन्‍य को गांव पंचायत का सदस्‍य चुना गया है। यह दोनों आदिवासी हैंऔर उन्‍हें पंचायत का प्रतिनिधित्‍व करने के लिए चुना गया था। यह दोनों सीपीआई के सक्रिय सदस्‍य हैं।
मनीष का आरोप है कि बस्‍तर के पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्‍लूरी ने गांव पंचायत के मुखिया, पंचायत प्रतिनिधियों को बैठक में शामिल होने के लिए कहा। हर बैठक में यह संदेश दिया कि आदिवासी युवा और पुरुष उनकी नक्‍सलियों को पकड़वाने में मदद करें या फिर वह उन्‍हें झूठे मामले में फंसा देंगे।
इतना ही नहीं उन्‍होंने गांव के मुखिया को निर्देष दिया है कि वह छत्‍तीसगढ़ पुलिस सीपीआई सदस्‍यों को गिरफ्तार करवाने में भी मदद करें। उन्‍होंने कहा कि वह आईजी की लिस्‍ट में है और जल्‍द ही उन्‍हें सीपीआई नक्‍सलियों को सक्रिय थिंक टैंक बताकर गिरफ्तार कर सकते हैं।
भाकपा नेता का आरोपी है कि आईजी कल्‍लूरी को इसलिए नियुक्‍त किया गया है ताकि राघाट परियोजन को जगह मिल सके और वहां से लौह अयस्‍क और अन्‍य बहुमूल्‍य खनिजों को आसानी से खुदाई करके निकालाजा सके। उन्‍होंने बताया कि उनकी पार्टी इस भेदभाव और लूट की साजिश के खिलाफ लड़ाई लड़ने की कसम खाई है।
इस मामले में कांग्रेस के अध्‍यक्ष भूपेश बघेला का कहना है कि छत्‍तीसगढ़ पुलिस और आईजी कल्‍लूरी जयराम वैली घटना के मास्‍टमाइंड को गिरफ्तार करने की जगह निर्देष आदिवासियों को गिरफ्तार कर रहे हैं। निर्देष गांववालों को गिरफ्तार करने के बाद उन्‍हें नक्‍सली बता रहे है। उन्‍होंने कहा कि आदिवासियों के खिलाफ षड़यंत्र को रोका जाना चाहिए। कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष ने कहा कि बस्‍तर के लोगों ने विधानसभा  चुनावों में भाजपा सरकार को खारिज कर दिया है इसलिए प्रदेश सरकार निर्देष आदिवासियों से दुश्‍मनी निकाल रही है।
आदिवासी क्रूरता से संबंधित मुद्दों को उठाने वाली कांकेर की कार्यकर्ता एवमं पत्रकार कमल शुक्ला ने कहा कि हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांकेर के कलेक्‍टर मंगई डी ने राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भेजी रिपोर्ट में कहा था कि सैकड़ों गांव वालों को सुरक्षाबलों ने यह कहते हुए गिरफ्तार किया है कि वह नक्‍सली हैं। उन्‍होंने कहा था कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वह निर्देष गांववाले हैं और नक्‍सली गतिविधियों में उनकी कोई भूमिका नहीं है। यह लोगा खेती कर घर लौट रहे थे जब सुरक्षाबलों ने उन्‍हें गिरफ्तार किया।
आईजी बस्‍तर एसआपी कल्‍लूरी ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उन्‍होंने कहा है कि मनीष कुंजम का नक्‍सलियों से संबंध रहा है और वह अभी भी उनसे जुड़ा है। उन्‍होंने कहा कि जहां तक झीरम घाटी के आरोपियों का सवाल है तो उन्‍होंने नाग और मांझीराम को गिरफ्तार किया है और बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस पार्टी लगी हुई है। उन्‍होंने कहा है कि अब मामला एनआईए के पास है और वह उस पर कोई टिप्‍पणी नहीं कर सकते हैं।
कल्‍लूरी ने नक्‍सलियों की गिरफ्तारी और सरेंडर पर सफाई देते हुए कहा है कि पहला नक्‍सलियों को सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। दूसरा हमारे प्रशिक्षित सुरक्षाबलों की संख्‍या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। तीसरा हमारी गश्‍त टीम, क्षेत्र वर्चस्‍व और हेलीकॉप्‍टर यात्राओं की संख्‍या में इजाफा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि मैं अपने वाहन से पुलिस स्‍टेशन का दौरा करता हूं और जिला एसपी भी दौरा करते हैं। इससे हालात काफी बदले हैं। अब छत्‍तीसगढ़ सरकार ने आत्‍मसमर्पण की नीतियों में भी परिवर्तन किया है जो अब काफी परिष्‍कृत और लुभावनी है। इससे छत्‍तीसगढ़ पुलिस अच्‍छी स्थिति में आई है। उन्‍होंने कहा कि वह बस्‍तर से नक्‍सलवाद का सफाया करने के लिए आए हैं ताकि यहां के लोग शांति और सुरक्षा प्रदान की जा सके। उन्‍होंने कहा कि वह इस लक्ष्‍य को जरूर पाएंग। कल्‍लूरी ने कहा कि अगर आप काम करेंगे तो आपकी आलोचनाओं को सामना करना हैं। 
[ छत्तीसगढ़  खबर से साभार ]
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