Thursday, June 4, 2015

कांग्रेस विधायकों ने कहा -नहीं लगने देंगे डिलमिली में स्टील प्लांट


कांग्रेस विधायकों ने कहा -नहीं लगने देंगे डिलमिली में स्टील प्लांट 

-बस्तर में 4-4 स्टील प्लांट का कोई औचित्य नहीं
-छिन जाएगी आदिवासियों की काफी जमीन
-स्थानीय लोगों को नौकरी मिलने पर शक
-जनता की भावनाओं की नहीं की जा रही कद्र
जगदलपुर (ब्यूरो)। बस्तर संभाग के कांग्रेस विधायकों ने दरभा ब्लाक के डिलमिली में मेगा स्टील प्लांट लगाने का विरोध किया है। विधायकों ने कहा है कि यदि डिलमिली क्षेत्र की जनता स्टील प्लांट लगाने के विरोध में है तो राज्य और केन्द्र की भाजपा सरकार क्यों जिद पर उतारु है? विधायकों ने कहा कि गरीब और आदिवासी जनता का कांग्रेस ने हमेशा साथ दिया है और स्टील प्लांट के मुद्दे पर भी पार्टी क्षेत्र की जनता के साथ है। उल्लेखनीय है कि 11 मई को सीपीआई व अखिल भारतीय आदिवासी महासभा डिलमिली में जनसभा कर स्टील प्लांट के विरोध में आवाज बुलंद कर चुकी है। बस्तर क्षेत्र के डिलमिली में मेगा स्टील प्लांट लगाने नौ मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में दंतेवाड़ा मंें स्टील प्लांट लगाने एमओयू किया गया था।
मेगा स्टील प्लांट लगाने की घोषणा के बाद से ही यहां के स्थानीय लोगों के साथ विपक्षी दल स्टील प्लांट के विरोध में खड़े हैं। बुधवार को डिलमिली में स्थानीय विधायक दीपक बैज के आह्वान पर बस्तर संभाग के कांग्रेस के आठ में से सात विधायक, सुकमा व कोंडागांव के जिला पंचायत अध्यक्ष, कई जनपद अध्यक्ष व स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि जुटे और सभी ने एक स्वर में स्थानीय जनता की भावनाओं के आधार पर प्लांट लगाने का विरोध किया। भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में विधायकों ने कहा कि गांवों तक पहुंचकर बिल के मनमाने नियमों की जानकारी जनता को देंगे।
जनसभा दोपहर बाद तीन बजे शुरू हुई। विधायक कवासी लखमा, दीपक बैज, मोहन मरकाम, मनोज मंडावी, संतराम नेताम, शंकर धु्रवा व देवती कर्मा इसमें शामिल हुईं। विधायकों का कहना था कि बस्तर में सरकारी व निजी क्षेत्र के चार-चार स्टील प्लांट का कोई औचित्य नहीं है। इससे आदिवासियों की काफी जमीन उद्योगों के लिए अधिगृहीत कर ली जाएगी। आदिवासी सड़क पर आ जाएंगे। उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने वाला है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बैलाडीला स्थित एनएमडीसी की माइंस है, जहां बस्तर के स्थानीय कर्मचारियों का प्रतिशत 5 फीसदी भी नहीं है। बाकी उद्योगों के साथ भी ऐसा ही होने वाला है। विधायक कवासी लखमा ने कहा कि बस्तर में पांचवी अनुसूची लागू है लेकिन भाजपा की राज्य सरकार इसे अभी तक सही ढंग से लागू नहीं कर पाई है। उन्होंने भाजपा को कार्पोरेट समर्थक बताते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य में एक ही पार्टी भाजपा की सरकार होने से लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। भूमि अधिग्रहण बिल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जो कार्पोरेट जगत का समर्थन करता है। विधायक दीपक बैज ने कहा कि वह स्थानीय विधायक हैं और पूरी ताकत के साथ डिलमिली में स्टील प्लांट का विरोध जारी रखेंगे। श्री बैज ने कहा कि स्थानीय जनता नहीं चाहती कि प्लांट लगे पर उनकी भावनाओं की कद्र नहीं की जा रही है। सभा को अन्य सभी विधायकों व पंचायत प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया। सुरक्षा के मद्देनजर सभा के दौरान प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी दल-बल के साथ मौजूद थे।
विधायकों ने ये कहा
-बस्तर में 4-4 स्टील प्लांट का कोई औचित्य नहीं
-छिन जाएगी आदिवासियों की काफी जमीन
-स्थानीय लोगों को नौकरी मिलने पर शक
-जनता की भावनाओं की नहीं की जा रही कद्र

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