Friday, June 5, 2015

धमतरी में उद्योगों के प्रदूषण से पर्यावरण दूषित

धमतरी में उद्योगों के प्रदूषण से पर्यावरण दूषित

Posted:   Updated: 2015-06-05 13:05:24 ISTDhamtari : Environmental contaminate from industrial pollution
जिले में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 5 सौ से अधिक उद्योग हैं, जो लगातार वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण से पर्यावरण का बैलेंस भी बिगड़ रहा है









धमतरी. शासन की योजना के अनुसार हर उद्योगों को पौधरोपण करना जरूरी है, लेकिन इसका यहां अमल नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते हरियाली का बुरा हाल है। उल्लेखनीय है कि जिले में छोटे-बड़े मिलाकर कुल 5 सौ से अधिक उद्योग हैं, जो लगातार वातावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। बढ़ते प्रदूषण से पर्यावरण का बैलेंस भी बिगड़ रहा है। लोग नई-नई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
जिले में स्थापित उद्योग लगातार प्रदूषण फैला रहे हैं। इन उद्योगों कोपर्यावरण संरक्षण के लिए हर साल पौधरोपण करना है, लेकिन इस नियम का किसी भी उद्योग में पालन नहीं हो रहा है। पिछले तीन सालों में गिने चुने उद्योगों ने ही पौधरोपण किया, लेकिन सुरक्षा के अभाव में बढऩे से पहले ही ये पौधे नष्ट हो गए। बैलेंस बरकरार रखने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सही मॉनिटरिंग के अभाव में अब तक सारे प्रयास विफल साबित हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि हरियर छत्तीसगढ़ योजना के तहत हर उद्योग को पौधरोपण करना अनिवार्य है। पौधरोपण फलदार, फूलदार, इमारती, छायादार या अन्य प्रकार के पेड़ों के हो सकते हैं। पौधरोपण के बाद इसकी जानकारी प्रशासन को देना जरूरी है। वर्ष 2013-14 में जिले के विभिन्न उद्योगों को 4 हजार पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन उद्योगों ने सिर्फ 518 पौधे ही लगाए। पिछले साल तो एक भी उद्योग संचालक ने पौधरोपण की जानकारी नहीं भेजी। फील्ड स्टाफ की कमी के चलते उद्योग विभाग भी जानकारी एकत्रित नहीं कर पाया।
पूर्व में जिला प्रशासन की ओर से अभियान चलाकर जगह-जगह नीम के पौधे लगवाए थे। कुछ दिनों में ही ये पौधे भी गायब हो गए हैं। सुरक्षा के अभाव में कहीं पर मवेशी इन पौधों को चट कर गए, तो कहीं पर अपने आप पौधे नष्ट हो गए। उद्योगों द्वारा रोपे गए पौधों का भी यही हाल है, सुरक्षा के अभाव में अधिकांश पौधे मर गए हंै। खनिज और अन्य विभागों द्वारा रोपे गए पौधे भी फील्ड में नजर नहीं आते। अर्जुनी चौक से लेकर जोधापुर चौक तक सड़क चौड़ीकरण के चलते सैकड़ों हरेभरे पेड़ों की बलि दी जा रही है। वन विभाग से इसकी अनुमति ली गई है। खास बात यह है कि पेड़ों को काटते वक्त न तो वन विभाग के अधिकारी मौजूद रहते हैं और न ही विद्युत विभाग के। कितने पेड़ों को काटने की आवश्यकता है, इसे जाने बगैर मजदूर पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला देते हैं।

नहीं बन रहा दबाव

हर उद्योग को पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण करना अनिवार्य है। इसके लिए उद्योग विभाग इंडस्ट्रीयल एरिया में उद्योगों जमीन आवंटित करने से पहले ही उद्योग संचालकों से पौधरोपण के लिए करार करता है। धमतरी में अधिकांश उद्योग निजी जमीन पर स्थापित हैं। उनके पास भी सीमित जमीन है, जिस पर उद्योग स्थापित हैं। पौधरोपण के लिए खाली जमीन का अभाव है। इंडस्ट्रीयल एरिया नहीं होने के कारण उद्योग विभाग के पास थोड़ी भी जमीन नहीं है, जिसके चलते उद्योगों पर पौधरोपण के लिए ज्यादा दबाव नहीं बनाया जा रहा है।
बड़े उद्योग इकाईयों में पौधा लगाना अनिवार्य किया गया है। धमतरी में इंडस्ट्रीयल एरिया नहीं होने के कारण इसका पालन नहीं हो रहा। छोटे उद्योग इकाईयों को भी� पौधरोपण करना चाहिए।

बीपी वासनिक, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग धमतरी
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