Tuesday, June 2, 2015

कोरबा के ६० गांवों में फ्लोरोसिस का खतरा,रायपुर से पहुंची मेडिकल टीम की रिपोर्ट से खुलासा



कोरबा के ६० गांवों में फ्लोरोसिस का खतरा,रायपुर से पहुंची मेडिकल टीम की रिपोर्ट से खुलासा


क्या है फ्लोरोसिस ,फ्लोराइडयुक्त पानी के पीने से फैली बीमारी


कोरबा (निप्र) जिले के करीब ६० गांव फ्लोराइडयुक्त पानी का सेवन कर रहे हैं इसका खुलासा रायपुर से पहुंची मेडिकल टीम की रिपोर्ट से हुआ है तीन माह पहले एकत्र की गई जानकारी का पुलिंदा स्वास्थ्य विभाग को सौंपा गया है इसके साथ ही फ्लोराइडयुक्त पानी के पीने से फ्लोरोसिस बीमारी की चपेट में आ रहे ग्रामीणों के लिए एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया गया है प्रभावित गांवों में ३ जून से शिविर आयोजित कर उपचार किए जाने की तैयारी की जा रही है.

जिले के खासकर कटघोरा क्षेत्र में नलकूप व कुएं से निकलने वाले पानी में फ्लोराइड की मात्रा पाई गई है इसके उपयोग से फैल रही बीमारी को लेकर सांसद डॉ. बंशीलाल महतो ने राज्य व केंद्र शासन को अवगत कराया था

इसके बाद राज्य शासन ने मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की एक टीम करीब तीन माह पहले जिले में निरीक्षण के लिए भेजी थी इस टीम ने कटघोरा क्षेत्र के करीब आधे दर्जन गांव का भ्रमण किया था इस दौरान उन्हें पानी में फ्लोराइड की मात्रा बहुत अधिक मिली थी ग्रामीणों में इससे होने वाली बीमारी के लक्षण भी मिले थे निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई थी कि पानी की वजह से कई ग्रामीण चलने फिरने में अक्षम हो चुके थे उनके दांत के अलावा अस्थि पर भी फ्लोराइड का असर पड़ गया था इसकी रिपोर्ट टीम ने शासन को सौंप दी थी साथ ही कहा था कि इस बीमारी पर अंकुश लगाने एक्शन प्लान तैयार किया जाए शासन से मिले दिशा निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी ६० प्रभावित गांव में उपचार के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है फ्लोरोसिस नामक बीमारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग अब प्रभावित गांव में शिविर लगाएगीफ्लोराइडयुक्त पानी के सेवन से फ्लोरोसिस नामक बीमारी होती है दरअसल पानी में लेड की मात्रा निश्चित होती है निर्धारित मात्रा से अधिक होने पर यह खतरनाक हो जाता है अत्यधिक लेडयुक्त पानी मुंह में जाते ही सबसे पहले दांत को नुकसान पहुंचाता है पानी की वजह से दांत काले पड़ जाते हैं कुछ दिनों बाद यह शरीर के भीतर अस्थियों को भी प्रभावित करने लगता है इसकी वजह से तंत्रिका तंत्र क्षतिग्रस्त होने लगते हैं इसकी वजह से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे शरीर दुर्बलता की ओर बढ़ने लगता है.
फ्लोराइडयुक्त पानी का प्रभाव जिले के करीब ६० गांव में देखने को मिला है ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल असर न पड़े, इसे मद्देनजर रखते हुए एक्शन प्लान तैयार किया गया है इसके आधार पर शिविर लगाकर मरीजों का उपचार किया जाएगा  - डॉ. पीआर कुंभकार, सीएमएचओ
[नईदुनिया ]

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