Sunday, June 7, 2015

कमाल है न ,जैविक खेती के लिए किसानों को नहीं मिलेगा कर्ज!

कमाल है न ,जैविक  खेती के लिए किसानों को नहीं मिलेगा कर्ज!






Posted:   Updated: 2015-06-07 19:19:45 ISTBastar : Organic farming for the farmers will not get credit
अजीब विडबंना है, एक तरफ सरकार किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है, वहीं दूसरी ओर रासायनिक खाद के उपयोग के लिए मजबूर करती है।
जगदलपुर/बस्तर/दंतेवाड़ा. अजीब विडबंना है, एक तरफ सरकार किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है, वहीं दूसरी ओर रासायनिक खाद के उपयोग के लिए मजबूर करती है। मोचो बाड़ी कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन किसानों को जैविक खेती करवाने के लिए पुरजोर प्रयास करने में लगा हुआ है। इस योजना में करीब 900 किसानों के खेतों को कटीलेंदार तारों से घिरवा दिया गया है। साथ ही पानी की उचित व्यवस्था की जा रही है।
जैविक जिला बनाने की घोषणा की थी
हाल ही में हुए सीएम रमन सिंह ने दंतेवाड़ा दौरे के दौरान जैविक जिला बनाने की घोषण की थी। अब इस घोषणा पर काले बादल मडराते दिख रहे हैं। सहकारिता बैंक की पॉलिसी में किसान को 50 प्रतिशत खाद लेना जरूरी है। यदि वह खाद नहीं लेता है तो उसको बैंक से ऋण मिलना सभंव नहीं हो पाएगा। इस तरह से तो सीएम का और जिला प्रशासन का सपना टूटता नजर आ रहा है।
मोचो बाड़ी को देख कृषि मंत्री भी थे गदगद
मोचो बाड़ी को देख कृषि मंत्री भी गदगद थे। जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे मोचो बाड़ी कार्यक्रम की सराहना की थी, पर अब संकट के बादल मडऱा रहे हैं। किसानों को यदि सहकारिता बैंक से ऋण नहीं मिला तो वह अपनी बाड़ी में बीज भी नहीं डाल पाएंगे। ये तभी संभव है जब बैंक अपनी पॉलिसी को बदले। बैंक का 50-50 का अनुपात है। यदि किसान ने 20 हजार रुपए का खाद बीज लिया तो उसको 20 हजार रुपए ऋण के रूप में मिलते हैं।
टनों कर दिया जैविक खाद तैयार
उद्यानिकी विभाग ने मोचो बाड़ी कार्यक्रम को देखते हुए इस बार टनों में जैविक खाद तैयार करवाया है। 25 किलो जैविक खाद का एक बैग तैयार हुआ है। इन बैग को लैंपस में रखा जाएगा। जैविक खाद को किसान इन लैंपस से ले सकते हैं। बताया जा रहा है सभी समितियों में 50 ये 100 बैग पहुंचा भी दिए गए हैं। इस खाद को तैयार करने में भी लाखों की लागत बताई जा रही है। एक बैग किसान को 200 रुपए का मिलेगा।

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