भाजपा की वरिष्ठ नेता नीना सिंह के पति विशाल सिंह के अभनपुर स्थित बारूद फ्यूज कारखाने में आज से एक माह पहले आपराधिक लापरवाही के कारण पांच मजदूरो की घटना स्थल पे ही मोत हो गई थी , तब से आज तक कई तरह की जाँच पूरी हो गई ,कई दल आये ,जिन्होंने कहा की बिना किसी ट्रेनिंग और सुरक्ष के मजदुर इतना बड़ा जोखिम भरा काम कर रहे थे , और उस समय क्षमता से कई गुना ज्यादा स्टॉक भरा हुआ था , कारखाने में 24 घंटे काम होता था , फैक्टरी नियमो का पालन तो बिलकुल ही नहीं होता था ,50 साल पुरानी कॉन्डम मशीने स्तेमाल हो रही थी ,लेकिन आज तक पुलिस और शाशन ने किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही तक नहीं की , मालिको को गिरफ्तार तक नहीं किया गए आखिर क्यों ?
या ऐसे राजनैतिक और प्रशशिनिक गठजोड़ को इंगित करता हैं , जिन्हे मृत मजदूरी के परिवारो को कोई सहायता दिलाने में दिलचस्पी नहीं हैं ,और नहीं आरोपियों को गिरफ्तार करने में कोई जल्दबाजी हैं। पांच मजदुरो का जीवन मिनिटो में खत्म हो गया ,उनके परिवार अनाथ हो गए ,लेकिन कार्यवाही के नाम पे सिर्फ जाँच कमेटिया बनी ,उनकी रिपोर्ट भी सार्वजानिक हुई लेकिन उसके आधार पे कोई कार्यवाही नहीं हुईं , मामले को लंबा खिंचा जा रहा है ताकि वो प्रकरण ही लोगो की स्मृति से लोप हो जाये।
सवाल उठता है की जब पुलिस खुद गिरफ्तारी कर सकती है तो फिर वो दूसरी किसी एजेंसी का इंतजार क्यों कर रही हैं , क्या पुलिस पहले भी कसी दूसरी एजेंसी की रिपोर्ट के भरोसे ही गिरफ्तार करते हैं , दुसरो की रिपोर्ट का बहाना बनाने की पीछे पुलिस की मंशा मालिको को बचाने की ही हैं। पुलिस ऐसे व्यवहार कर रही है मानो कारखाने में पांच मजदूरो का मारना उनके लिया सामान्य घटना हो,
मजदुर संघटन बराबर मांग कर रहे है की इस घोर अपराधिक लापरवाही के लिए कारखाने मालिको के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जाना चाहिए और उन्ह ेतुरन्त गिरफ्तार किया जाये , और मजदूरो के परिवारो को २० -20 लाख का मुआवज़ा दिया जाये ,साथ ही जब तक कारखाना बंद है तब तक शेष मजदूरो को पूरा वेतन मिले , जिन मजदूरो की मोत हुई है ,उनके परिवारो से एक व्यक्ति को नौकरी भी दी जाये
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